उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में इन छः अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर: पढें

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक संंपन्न हुई, जिसमें अहम फैसलों पर मुहर लगी। इन प्रस्तावों में जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत दो सेंटर स्थापित करने, विभागीय नियमावली को मंजूरी देने, और बागेश्वर क्षेत्र में खनन विभाग के 18 पदों को बढ़ाने सहित अन्य निर्णय लिये गये।
कैबिनेट बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
- उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत दो सेंटर बनाए गए हैं। लेकिन इसके जो सर्विस रूल्स बनाए गए थे उसके शोध की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में विभागीय नियमावली को मंजूरी मिल गई है।
- औद्योगिक विकास खनन विभाग के तहत बागेश्वर क्षेत्र में इंस्पेक्शन को बढ़ाए जाने के लिए 18 पदों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिस पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
- उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के तहत आसन बैराज नदी के शुरुआती स्थान भट्टाफॉल से आसन बैराज तक यानि 53 किलोमीटर क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र की अधिसूचना जारी करने संबंधित था। जिस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
- देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी में जो क्षेत्र बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किया गया है, उन क्षेत्रों में एसटीपी का निर्माण, एलिवेटेड रोड के लिए नींव समेत संरचना का निर्माण, रोपवे टॉवर का निर्माण कार्य, मोबाइल टावर निर्माण और हाई टेंशन विद्युत लाइन का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है।
- पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवन को पीपीपी मोड में डेवलप करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में इन पांचों निरीक्षण भवन को पीपीपी मोड में विश्व स्तरीय गेट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवन को विकसित की जाएगी।
- परा चिकित्सा स्नातक के कोर्सेज के लिए उत्तराखंड परा चिकित्सा अधिनियम 2009 और उत्तराखंड परा चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रावधान किया गया है। ऐसे में उनके मानकों को विनियमित करने, प्रवेश परीक्षा, पाठ्यक्रमों के मानकीकरण के साथ ही पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत काउंसिल (उत्तराखंड राज्य सैबत्त और स्वास्थ्य देखरेख परिषद) बनाए जाने पर मिली मंजूरी।
- महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस के पैसे का इस्तेमाल करने के लिए नियमावली बनाने को मिली मंजूरी।