केदारनाथ धाम से वापस फाटा आ रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, सात लोगों की मौत, सोमवार तक हेली सेवा बंद

देहरादून: रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम से वापस फाटा आ रहा हेलिकॉप्टर रविवार की सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर क्रैश हो गया।दुर्घटना में helicopter में सवार महाराष्ट्र के यवतमाल के परिवार के सभी सात लोगों की मौत हो गई। सभी शव बुरी तरह से जल गए हैं। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। वहीं घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल की मीटिंग बुलाई है। साथ ही सोमवार तक हेलिकॉप्टर सेवा चारधाम में बंद कर दिया गया है। हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के जंगल में क्रैश हुआ है। इस बार के चारधाम यात्रा में कई बार हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय हुए हेलीकॉप्टर हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए लोगों की लिस्ट
दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में सवार व्यक्तियों का विवरण:
1. कैप्टेन राजबीर सिंह चौहान – 39 वर्ष पायलट, निवासी जयपुर
2. विक्रम रावत – बीकेटीसी प्रतिनिधि, निवासी रासी, ऊखीमठ
3. विनोद देवी – 66 वर्ष, निवासी उत्तरप्रदेश
4. तृष्टि सिंह – 19 वर्ष, निवासी उत्तरप्रदेश
5. राजकुमार सुरेश जायसवाल – 41 वर्ष, निवासी गुजरात
6. श्रद्धा राजकुमार जायसवाल – निवासी महाराष्ट्र
7. काशी – 2 वर्षीय बालिका, निवासी महाराष्ट्र

मुख्यमंत्री ने सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रखने के निर्देश दिए हैं। चार धाम में लगे सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा। राज्य में अब हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक कॉमन “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी, जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली आपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह उत्तराखंड की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, ATC के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एडमिनिस्ट्रेटिव एंड टेक्निकल एसओपी (administrative and technical Standard Operating Procedure) तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा। उन्होंने कहा डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए, जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक फैज अहमद किदवई , सचिव शैलेश बगौली, सचिव सचिन कुर्वे, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, सीईओ युकाडा सोनिका, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ( एएआईबी) के अधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।