न शटल सेवा हुई शुरू, न लगा अवैध रेंटल स्कूटियों पर लगाम, पर्यटक और स्थानीय लोग चौतरफा जाम में कर रहे त्राहिमाम

पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर पर्यटक स्थल मसूरी में इन दिनों सैलानियों की भीड़ तो खूब उमड़ रही है, लेकिन चौतरफा ट्रैफिक जाम सैलानियों और स्थानीय नागरिकों के लिए भारी परेशानी का सबक बन हुआ है. इसकी सबसे बड़ी वजह सड़कों पर बेतहाशा रेंटल स्कूटी रेंटल और सड़क किनारे अवैध पार्किंग है. हैरानी की बात ये है कि पुलिस और प्रशासन सब देखने के बाद भी सिर्फ तमाशबीन बना बैठा है.

मसूरी: मसूरी में पर्यटक सीजन अपने चरम पर है. लेकिन शहर में जिधर देखो उधर अव्यवस्था ही नजर आ रही है. शहर के ऐतिहासिक मॉल रोड, भगत सिंह चौक से लंढौर बाजार तक और किंग क्रेग से लाइब्रेरी व भगत सिंह चौक तक, लंढौर से चार दूकान तक व लाइब्रेरी से जीरो पॉइंट और स्टर्लिंग रोड तक हर जगह सैलानी जाम से जूझ रहे हैं. शहरों में भारी गर्मी के चलते सैलानी सकून के लिए पहाड़ों का रूख करते हैं. प्रशासन द्वारा हमेशा पर्यटन सीजन से पूर्व व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जाती हैं, लेकिन इस बार ऐसा कहीं नजर नहीं आ रहा है. कैमल बैक रोड पर होटल व्यवसायियों ने सडक को अवैध पार्किंग बना डाला है, तो लंढौर, मॉल रोड, भोटिया मार्किट, लाइब्रेरी आदि बाजारों के पर्यटन व्यवसाय जाम के कारण प्रभावित हो रहे है. व्यवसायियों में इसे लेकर भारी नाराजगी है. हर जगह का व्यवसायी निराश और हताश है.
रेंटल स्कूटियों ने हर गली, हर मोड़, हर सड़क पर अवैध पार्किंग, पर्यटन व्यवसाय हो रहा प्रभावित
रेंटल स्कूटियों ने हर जगह सड़कों को अवैध पार्किंग में तब्दील कर दिया है. हर गली, हर मोड़, हर सड़क पर रेंटल स्कूटियों ने अवैध पार्किंग बना राखी है, लेकिन अभी तक न जिला प्रशासन इन पर अंकुश लगा पाया और ना ही इन्हें परमिट देने वाले राज्य परिवहन प्राधिकरण. सम्बंधित विभागों की यह भ्रष्ट कार्यशैली आमजनमानस के लिए भारी परेशानी का सबब बन गया है. यहाँ तक कि सड़कों पर राहगीरों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है. शहर के चाहे भोटिया मार्किट की बात करें या लाइब्रेरी की या बात लंढौर बाजार की करें, हर जगह सड़कों पर अवैध पाकिंग ही यातायात जाम का कारण बन गयी हैं. जिस कारण कई बार एम्बुलेंस भी फंस जाती है. कुछ दिन पहले एक पर्यटक की जाम में फंसने के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी थी. इससे सबक नही लिया गया तो प्रशासन की यह लापरवाही कभी भी किसी और बीमार व्यक्ति की जान ले सकती है. समय रहते रेंटल स्कूटी संचालन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह पर्यटक स्थल मसूरी के लिए अभिशाप बनकर रह जायेगा. यही नहीं मसूरी घूमने आये सैलानी पार्किंग के लिए दर दर भटक रहे है, सडकें पहले ही अवैध रेंटल स्कूटियों से पटी पड़ी हैं, ऐसे में पर्यटक जाये तो जाये कहाँ. इसका पर्यटन व्यवसाय पर सीधा बुरा असर पड़ रहा है.
अधिकारियों की कार्यशैली संदेह के घेरे में
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना से ज्ञात होता है कि मोटर साइकिल किराया योजना 1997 के तहत सैकड़ों रेंटल स्कूटियों को परमिट मिला हुआ है. जो कि अवैध रूप से सड़कों से रेंटल स्कूटी संचालित कर मोटर यान अधिनियम नियमावली की बखियां उधेड़ रहे हैं. कहा जा सकता है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे होने के कारण सम्बंधित विभाग को यह सब नजर नहीं आ रहा है. विभाग नियम विरुद्ध संचालित हो रहे इन सैकड़ों रेंटल स्कूटी पर अंकुश लगाने में अभी तक पूरी तरह विफल है. अधिकारीयों को समय समय पर अवैध संचालित होने वाली रेंटल स्कूटियों पर अंकुश लगाने को लेकर औचक निरिक्षण करना चाहिए, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है रेंटल स्कूटी संचालकों से मिलीभगत के चलते विभाग के अधिकारियों ने अपनी आखें बंद कर दी है. जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
गोल्फ कार्ट भी व्यवसायियों के लिए बना सिरदर्द
पहले रेंटल स्कूटिया ही सिरदर्द बनी हुई थी, लेकिन अब प्रशासन ने बड़ी संख्या में गोल्फ कार संचालित कर व्यवसायियों और आम नागरिकों की और भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. व्यवसायियों का कहना है जगह जगह लगने वाले जाम उनके व्यवसाय को चौपट करने में कहीं कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन अब गोल्फ कार्ट चलने से पर्यटक बाजार में नहीं रुक पाता है. पर्यटक गोल्फ कार्ट में सवार होकर सीधे अपने गंतव्य को निकल जाता है.
शटल सेवा शुरू नही होने से कुछ हल हो सकती थी समस्या
जाम के झाम से मुक्ति देने के लिए जिला प्रशासन ने शटल सर्विस शुरू करने की कवायद जरूर की लेकिन उसे धरातल पर नही उतार पाए. नगर पालिका परिषद मसूरी और लोक निर्माण विभाग द्वारा टैक्सी स्टैंड और लाखों रुपए की लागत से मार्ग का निर्माण और बिजली के पोल लगाने के बावजूद जनता का पैसा यूँ ही स्वाहा हो गया. स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका की पर्यटक सीजन की व्यवस्थाएं इस तरह धराशायी दिखाई पड़ रही हैं. यदि शटल सेवा शुरू होती तो जाम से कुछ हद छुटकारा जरूर मिल सकता था.
सवाल बड़ा साफ है—क्या मसूरी का ट्रैफिक अब भगवान भरोसे है?
या फिर प्रशासन रेंटल स्कूटी पर लगाम लगाने और पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएगा?
पर्यटन बढ़े, लेकिन सिस्टम न बैठे, इसके लिए अब सख्ती ज़रूरी है।