November 21, 2024

का0 अतुल अंजान का असामयिक चले जाने से वामपंथी आंदोलन को लगा गहरा धक्का

देहरादून/मसूरी/नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान (Atul Kumar Anjaan) का 69 वर्ष की आयु में एक महीने से गोमतीनगर के एक अस्पताल में एडवांस स्टेज के कैंसर से जूझते हुए निधन हो गया। उनके निधन पर विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। भाकपा व माकपा ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके असामयिक निधन को वामपंथी आंदोलन के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। साथ ही शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। 

का0 अतुल कुमार अंजान के निधन पर सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य का0 समर भंडारी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि का0 अतुल अंजान एक प्रखर वक्ता होने के साथ ही एक जुझारू वामपंथी नेता थे और सफगोई से बोलने के लिए जाने जाते थे। उनका जाना कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए अपूर्णीय क्षति है।

माकपा के राज्य कमेटी ने भी का0 अतुल अंजान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया व शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। माकपा के राज्य सचिव का0 राजेंद्र नेगी ने कहा कि उनका निधन ऐसे समय में हुआ जब देश में वामपंथी आंदोलन को तेज करने का समय है। उनका निधन से कम्युनिस्ट आंदोलन को गहरा धक्का लगा है। 

का0 अतुल अंजान के निधन पर माकपा के देहरादून जिला सचिव का0 राजेंद्र पुरोहित, सीटू के प्रदेश महामंत्री महेंद्र जखमोला, सचिव का0 लेखराज, भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष का0 सुरेंद्र सजवान, एटक के का0 अशोक शर्मा, का0 भगवंत पयाल, भाकपा के मसूरी शहर सचिव का0 देवी गोदियाल, माकपा के मसूरी शहर सचिव का0 भगवान सिंह चौहान, सीटू मसूरी के महासचिव का0 गंभीर पंवार, होटल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष व एटक के राष्ट्रीय परिषद सदस्य का0 आर पी बडोनी, का0 धर्मानंद लखेड़ा, आदि ने भी का0 अतुल अंजान के निधन पर दुख वक्त किया व शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। 

श्रमिक व किसान नेता ही नही छात्रों के चहेते नेता भी रहे अतुल अनजान

बता दें का0 अतुल अंजान ने लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में 1977 में राजनीति की। वे सामाजिक न्‍याय और वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया है। एक समय अपने वक्तृत्व कौशल के लिए जाने जाने वाले तेजतर्रार छात्र नेता ने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। अतुल अंजान ने किसानों और श्रमिकों के हितों में बहुत काम किया। इसी सादगी के दम पर इन्‍होंने समाज में बहुत इज्‍जत कमाई थी। उन्होंने राजनीति क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया।


 सभी वामपंथी संगठनों की ओर से कामरेड अतुल अंजान को लाल सलाम


About Author

Please share us

Today’s Breaking