July 27, 2024

पेयजल निगम के मुख्य अभियंता ने सीवरेज व यमुना पेयजल योजना कार्य का किया निरीक्षण

मसूरी। पेयजल निगम के मुख्य अभियंता वसीम अहमद ने मसूरी आकर यमुना पेयजल योजना व सीवर योजना का निरीक्षण किया व अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीजन शुरू होने से पहले 15 मई तक पेयजल योजना व सीवर योजना का कार्य पूरा कर जनता को सुविधा उपलब्ध करवायें।

पेयजल निगम उत्तराखंड के मुख्य अभिंयता वसीम अहमद ने पेयजल अधिकारियों व स्थानीय लोगों के साथ यमुना पेयजल योजना व सीवर योजना का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की व उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनको पेयजल निगम की लेट लतीफी कार्यप्रणाली के कारण हो रही परेशानियों से भी अवगत कराया।

इस मौके पर मुख्य अभियंता खान ने कहा कि उन्होंने कैमल बैक रोड पर गतिमान सीवर योजना के कार्य का निरीक्षण किया। यहां पर स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि कैमल बैक रोड पर दो दिनों के अंदर सड़क पर मलवा भरकर व पानी छिडक कर खोल दें। उन्होंने बताया कि यहां पर सौ मीटर का पैच है जिस पर कार्य चल रहा है। जिस जगह सीवर अधिक गहराई में है वहां दस दिनों में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। वहीं उन्होंने निर्देशित है कि आगे का कार्य करते रहें व पीछे से मलवा भर कर रोड को भी सही करते रहे ताकि लोगों को आने जाने में परेशानी न हो। वहीं कहा कि विभाग का प्रयास है कि 15 मई तक पेयजल व सीवर के कार्य को पूरा कर दें।

इस संबंध में एनएच के अधिशासी अभिंयता नवनीत पांडे से भी वार्ता की गई ताकि चार दिन में सड़क को सुगम कर दें। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी से जीरो प्वांइट तक कलरफुल टाइल का कार्य किया जायेगा। लेकिन चार दिन में धूल मिटटी का कार्य पूरा किया जायेगा व टाइलों का कार्यं मई अंत तक पूरा कर लिया जायेगा। वहीं यमुना पेयजल पर उन्होंने बताया कि पानी की टेस्टिंग का कार्य पूरा हो गया है व अब कनेक्शन देने का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां पानी प्रेशर से आ रहा है वहां पर निर्देशित किया गया कि उसे फेरूल लगाकर कंट्रोल करें। उन्होंने कहा कि पहले पानी नहीं आ रहा था अब अधिक पानी आ रहा है जिससे वाल्व टूट रहे हैं। विभाग का प्रयास है कि पानी बेकार न जाये। उन्होंने कहा कि दो साल पहले कोविड के समय कार्य किया लेकिन विलंब का कारण कोविड के साथ ही बरसात में काम न होना व सीजन में कार्य न होना रहा। लेकिन इसके बाद भी कार्य में देरी होने पर कार्यदायी संस्था पर जुर्माना भी लगाया गया है।

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