राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सोमवार से शुरू हुआ गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र, कांग्रेस ने सदन में की नारेबाजी
चमोली: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण के साथ सोमवार से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो गया। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ा। अभिभाषण समाप्त होने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। दोपह बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक स्थगित कर दी गई।
सोमवार को राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही मुख्य विपक्ष कांग्रेस के सभी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, भर्ती प्रकरणों की सीबीआइ जांच समेत अन्य विषयों को लेकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे थे। कुछ ही देर में कांग्रेस विधायक पीठ के सम्मुख आकर हंगामा करने लगे। वे हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने राज्यपाल वापस जाओ के नारे भी लगाए।
विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को सशक्त बनाने के मद्देनजर राज्य योजना आयोग को युक्तिसंगतीकरण कर नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फार इंपावरिंग एंड ट्रासंफार्मिंग उत्तराखंड (सेतु) का गठन किया जा रहा है। साथ ही राज्य की आर्थिकी के उन्नयन और त्वरित विकास के लिए उत्तराखंड अवस्थापना निवेश विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) गठित होगा।
सशक्त उत्तराखंड की अवधारणा के तहत वर्ष 2025 तक राज्य को अग्रणी बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिव्यक्ति आय 205840 रुपये है, जो अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित प्रति व्यक्ति आय से 37 प्रतिशत अधिक है। अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के अंतिम पैराग्राफ को पढ़ने से पहले हंगामा कर रहे विपक्ष के विधायकों से कहा कि वे अंतिम पैराग्राफ को अच्छे से सुन लें। उनके आग्रह पर कांग्रेस विधायक शांत हुए, लेकिन वे पीठ के सम्मुख खड़े रहे। इसके बाद राज्यपाल ने अभिभाषण का अंतिम पैरा पढ़ा।
उन्होंने कहा, मैं आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश और उत्तराखंड के ज्ञात-अज्ञात नायकों के अमर बलिदान का पुण्य स्मरण कर उन्हें शत-शत नमन करता हूं। मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य प्रदेश के जनमानस के व्यापक हित में सरकार का सहयोग कर जनाकांक्षाओं को पूरा करने में बहुमूल्य योगदान देंगे। साथ ही सदन की उच्च गरिमा व पवित्रता को बनाए रखेंगे। सबका साथ-सबका विश्वास के विजन का अनुसरण करते हुए उत्तराखंड के समावेशित, सतत एवं संतुलित विकास में सहयोगी बनेंगे। यद्यपि, जैसे ही उन्होंने अंत में सबका साथ सबका विकास विजन की बात कही, विपक्ष ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य पीठ के सम्मुख आकर नारेबाजी करते रहे। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण के दौरान प्रदर्शन स्वस्थ परंपरा नहीं है। विपक्षियों के पास कोई ठोस मुद्दे नहीं हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा और मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया। इस दौरान उन्होंने भर्ती घोटाले, महंगाई सहित अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधायकों के पास पहुंचे और बातचीत कर उन्हें सदन में जाने के लिए मनाया।
उधर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा मार्च किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जंगलचट्टी मालसी में ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों के साथ पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे। वहीं ओपीएस की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों ने विधानसभा कूच किया। ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर वह पहुंचे। जंगलचट्टी पहुचते ही पुलिस के बैरियर पर आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जोर आजमाइश हुई।