October 15, 2024

सात मार्च को होगा होलिका दहन, जानें- होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

Holika Dahan : फाल्गुन मास होलिकोत्सव के लिए प्रसिद्ध है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है लेकिन इस बार भद्रा के कारण पूर्णिमा तिथि समाप्ति के बाद होलिका का दहन किया जाएगा। धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु में ऐसे मतभेद का निराकरण मिलता है। होलिका दहन का मुहूर्त दो घंटे 34 मिनट तक रहेगा।

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा से दो दिवसीय पर्व में एक दिन होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन होली खेली जाती है। इसके साथ ही फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो गए। इनका समापन आठ दिन बाद पूर्णिमा के दिन यानि होली पर होगा।

छह मार्च को शुरू होगी पूर्णिमा तिथि :

होलिका दहन हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि में भद्रा रहित प्रदोष काल में होता है। इस साल होलिका दहन छह मार्च को है या सात मार्च को? इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि छह मार्च को शाम चार बजे से प्रारंभ होकर सात मार्च को शाम 5:42 बजे समाप्त हो रही है। लोगों में पूर्णिमा तिथि के कारण होलिका दहन की तारीख को लेकर मतभेद है। छह मार्च को पूर्णिमा तिथि तो लग रही है, लेकिन उसके साथ ही भद्रा भी लग जा रही है। ऐसे में आप होलिका दहन नहीं कर सकते। छह मार्च को लगी भद्रा सात मार्च को सुबह पांच बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। उसके बाद ही होलिका दहन किया जा सकेगा। ऐसे में इस साल होलिका दहन सात मार्च को किया जाना शास्त्र सम्मत है।

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होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: सात मार्च को शाम 6.14 बजे से 8.48 बजे तक है।

आठ मार्च को धुरेड़ी :

होलिका दहन के अगले दिन आठ मार्च को रंगोत्सव का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर शुभकामनाएं और बधाई देंगे। भारतीय समय अनुसार पूर्णिमा तिथि का मान सूर्यास्त के समय प्राप्त हो रहा है अतः धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु के अनुसार सात मार्च को ही होलिका दहन होगा।

पहली बार होलिका दहन पर तीन शुभ योग

इस बार होलिका दहन पर तीन शुभ योग पहली बार बनने जा रहे हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है।

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कहते हैं कि होलिका दहन के समय भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है। नरसिंह भगवान विष्णु के ही अवतार माने गए हैं। भगवान नरसिंह अवतार को भगवान विष्णु के मुख्य 10 अवतारों में से एक माना गया है। भगवान नरसिंह को शक्ति और पराक्रम के देवता के रुप में भी पूजा जाता है। होलिका दहन पर विधि-विधान से पूजा करते हैं तो जीवन में और घर-आंगन में खुशियों का रंग संचार होने के साथ धन लक्ष्मी का आगमन होता है।

ग्रह संयोग

होली के दिन कुंभ राशि में सूर्य, बुध और शनि का त्रिग्रही योग बनेगा। इसके साथ ही मीन राशि में गुरु और शुक्र की युति से भी शुभ योग बन रहे हैं। शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य योग और गुरु के अपनी स्वराशि पर होने से हंस राजयोग बन रहा है। ग्रहों के इस परिवर्तन से मेष, मिथुन, सिंह, धनु और मीन राशि वालों को लाभ मिलेगा।

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