चिंतन शिविर में अचानक पहुंचे सीएम धामी, अधिकारियों के मध्य बैठकर एक श्रोता के रूप अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना
मसूरी: मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) में चल रहे “सशक्त उत्तराखण्ड @25″चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में देर सायं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक सरदार पटेल भवन सभागार में पहुंचे। इस दौरान वह अन्य अधिकारियों के मध्य बैठकर एक श्रोता के रूप में उनके विचारों को सुनने लगे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेहद गंभीरता के साथ प्रस्तुतिकरण को देखने के साथ ही अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना।
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है
चिंतन शिविर में आज के समापन सत्र में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य विषय पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि राज्य में डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है, जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि मानव संसाधन बढ़ाने के लिए PPP मॉडल को अपनाया गया है। अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं है, जिसकी वजह से समस्या आ रही है। अगर इस क्षेत्र में PPP मॉडल से भर्ती करते हैं तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है। यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है।
राज्य में पर्यटन सालाना 12% की दर से बढ़ रहा: कुर्बे
“सशक्त उत्तराखंड@ 25” चिंतन शिविर में पर्यटन, नागरिक उड्डयन, पब्लिक फाइनेंस पॉलिसी एंड मैनेजमेंट विषयों पर चर्चा की गई। पर्यटन सचिव सचिन क़ुर्बे ने बताया कि राज्य में पर्यटन सालाना 12% की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटकों की संख्या अधिक है, जबकि हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में आगे है। उन्होंने बताया कि औली के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। IDPL ऋषिकेश में विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेन्टर निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोपवे के लिहाज से सुरकंडा में रोप-वे प्रारंभ हो चुका है, जिसके चलते यहां श्रद्धालु 32% तक बढे हैं। देहरादून-मसूरी रोप-वे, यमुनोत्री रोप-वे पर आगे बढ़ा जा रहा है। केदारनाथ और हेमकुंट में रोप-वे की आधारशिला रखी जा चुकी है। अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने बताया कि सिविल एविएशन का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन गिने-चुने राज्यों में शुमार है जहां लोग हेली का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे चारधाम यात्रा अहम वजह है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हमें अपने वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा। अभी 50% वैट और GST से प्राप्तियां आती हैं जबकि 10% स्टाम्प से आता है। बाकी 40% विभागों से प्राप्त होता है।
पूरे राज्य में पेयजल को लेकर वृहद स्तर पर जन जागरूकता की जरूरत
चिंतन शिविर मे पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि अभी राज्य में देहरादून और हरिद्वार दो ऐसे ज़िले हैं जहां पानी की सर्वाधिक आवश्यकता है, जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में पेयजल को लेकर वृहद स्तर पर जन जागरूकता की जरूरत है। इसके पीछे मंतव्य यही है कि ऐसे सक्षम लोग वहां पहुँचे जो स्थानीय नाले, खालों और तालाबों को गोद ले सकें। इसके अतिरिक्त वृहद पौधरोपण किया जाए ताकि जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ सकें। सचिव पेयजल ने ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर जैसी नदी से कोसी, गोमती जैसी सूख रही नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कही। इसके लिए पिंडर के पानी को चैनल कर कोसी, सरयू, गोमती आदि तक पहुँचाया जाए। ऐसा देश में पहली बार करने पर विचार किया जा रहा है। प्रेजेंटेशन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पौड़ी निवासी सचिदानंद भारती की सक्सेस स्टोरी दिखाने के साथ ही अल्मोड़ा के टुंडा चौरा गांव में स्थानीय निवासियों द्वारा नाले धारों को रिचार्ज करने सम्बन्धी काम पर भी विशेष चर्चा हुई।
चिंतन शिविर की एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करें: मुख्य सचिव
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के दूसरे दिन आज कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधु ने सभी अधिकारियों को तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा। सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी, पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। सचिव कृषि द्वारा बताया गया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने और पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।प्रस्तुतिकरण में बद्री गाय को भी बढ़ावा दिए जाने पर भी ज़ोर दिया गया।