मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के कार्य में लगी बीएलओ से हो रही अभद्रता, मिल रही धमकियां, प्रशासन मौन
मसूरी। नगर पालिका चुनावों को लेकर मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। लेकिन बीएलओ के रूप में अपनी सेवा दे रही आशा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए यह कार्य कांटों से कम नहीं है। दरअसल इन बीएलओ पर कुछ छुटभैये जबरन फर्जी नामों को चढ़ाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। उनके मनमुताबिक नाम मतदाता सूची में अंकित नहीं करने बीएलओ के साथ अभद्रता और धमकियों की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इससे बीएलओ में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। आक्रोशित बीएलओ ने इसका जमकर विरोध किया व कहा कि कुछ छुटभैया किस्म के नेता बीएलओ पर फर्जी नाम चढ़ाने के लिए अनावश्यक दबाव बना रहे हैं, ऐसे में उनके लिए पारदर्शिता से काम करना मुश्किल हो गया है।
नगर पालिका सभागार में पत्रकारों से बातचीत में बीएलओ ममता राव ने इन छुटभैया नेताओं के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके लोगों के नाम मतदाता सूची में पहले से अंकित है, लेकिन इनके द्वारा जानबूझकर उनकी छवि को धूमिल करने के लिए अनर्गल आरोप लगाए गए हैं। इन छूटभैया नेताओं के द्वारा शराब पीकर हंगामा कर सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया गया है। जबकि इनके लगाए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि जब वह एक महिला का फार्म भर रहे थे तो उनको रणजीत सिंह चौहान का फोन आया लेकिन वह नहीं आये और वह वार्ड में मतदाताओं के मतपत्र बनाने चले गये। जिसके बाद उसने कहा कि वार्ड में शिफन कोर्ट के 84 परिवार हैं। उसने एक फार्म दिया व कहा कि इसका नाम चढाये जबकि वह नाम पहले से ही मतदाता सूची में अंकित था।
उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के तहत उन पर जानबूझ कर पैसे लेने के आरोप लगाये जा रहे है। यदि ऐसा होता तो वह उनके दिए गए गलत नामों को मतदाता सूची में अंकित करती। लेकिन जब उनके द्वारा गलत नामों को अंकित नहीं किया गया तो इस तरह के आरोप लगाए जा रहे है। उन्होंने रोते हुए कहा कि सभी बीएलओ कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं। उनके परिवारों की स्थिति कैसी है व किस तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे है यह बीएलओ ही जानते हैं। उन्होंने बताया कि रणजीत सिंह चौहान और संजय टम्टा द्वारा एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। कहा कि उनकी सेवा के अभी करीब 15 साल बचे है व करीब 15 लाख रूपये वेतन बनता है। इस लिहाज से मजदूर संघ के महासचिव संजय टम्टा व रणजीत सिंह पर वह मानहानि का केस करेंगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह जिलाधिकारी देहरादून को उपजिलाधिकारी के माध्यम से पत्र प्रेषित करेंगी। ऐसी स्थिति में बीएलओ के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है।
वहीं वार्ड नंबर 11 की बीएलओ सुनीता भंडारी ने बताया कि उनके साथ भी जीतेंद्र नाम के व्यक्ति द्वारा जबरन अपने भाई भाभी के नाम मतदाता सूची में अंकित करवाने के लिए अभद्रता की गई है। जितेंद्र ने कहा कि मेरे भाई भाभी का नाम चढाओ जब कहा गया कि वो वहां नहीं रहते तो वह भड़क गये व देख लेने की धमकी दे रहे है। इसके बाद एक फोन आया जिसमें धमकी दी गई कि उनका नाम मतदाता सूची में चढाये वरना ठीक नहीं होगा। ऐसे में बीएलओ के लिए पारदर्शिता से काम करना मुश्किल हो गया है।
इस मौके पर बीएलओ सुपरवाइजर ललिता जोशी, रजनीश कंडारी, मीना भंडारी, सुनीता तेलवाल सहित बड़ी संख्या में बीएलओ मौजूद रहीं।
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सीटू ने चेताया, आशा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी
दूसरी ओर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन(सीटू) ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए जिला प्रशासन से बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। सीटू के नगर अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान ने इस पूरे मामले में अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि बीएलओ के कार्य में लगी आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री बहनों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की सीटू निंदा करता है। उन्होंने कहा कि सीटू हर परिस्थिति में आशा आंगनबाड़ी बहनों के साथ खड़ी है। उनके साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीटू अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में जिला प्रशासन को इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेने के साथ ही बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और ऐसे असामाजिक व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए जिनके द्वारा बीएलओ का कार्य कर रही बहनों के साथ अभद्रता की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हुई तो सीटू को समस्त जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।