January 19, 2025

मूर्तिकार त्रिलोक चौहान ने वृक्ष माता गौरा देवी की प्रतिमा को नया रूप दिया

Screenshot_20231101_191653_Gmail

मसूरी। बालाहिसार स्थित हिलबर्ड स्कूल में प्रसिद्ध स्थानीय मूर्तिकार त्रिलोक सिंह चौहान के हाथों बनी वृक्ष माता गौरा देवी की प्रतिमा की मरम्मत कर रंग रोगन किया। इस विद्यालय में उन्हें आदर्श माना गया है और हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी जिस पर उसकी मरम्मत की जा रही है।

हिलबर्ड स्कूल में वृक्ष माता गौरा देवी की प्रतिमा को वर्ष 2005 में स्थापित किया गया था। जिसका उददेश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना व वृक्षों की महत्ता को समझना था। तब से लगातार वहां पर विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन कोविड के दो साल बाद इस वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने पर उसकी इन दिनों मरम्मत कर रंग रोगन किया जा रहा है।

इस संबंध में विद्यालय के निदेशक प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि वर्ष 2005 में उनके पिता व हिल बर्ड स्कूल के संस्थापक स्व. ओपी द्विवेदी ने बड़ी खोज के बाद उनके चित्र को मंगवाया था व उसके बाद 2005 में वृक्ष माता गौरा देवी की उत्तराखंड में पहली प्रतिमा बनाकर स्थापित की गई थी। जिसका उदघाटन तत्कालीन शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी ने किया था।

मूर्तिकार त्रिलोक चौहान ने बताया कि उन्होंने इस प्रतिमा को बनाया था व अब इसकी मरम्मत कर इसे फिर से सुंदर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मसूरी के कई पर्यटक स्थलों में उनके द्वारा बनाई गई जानवरों की प्रतिमांए है जिसमें मालरोड पर हाथी, बाघ, हिरन, भालू, आदि है। कैंपटी फाल में डायनासोर व भटटा फाल में कई कार्टूनों की प्रतिमांए बनाई है। लेकिन इस विद्यालय से विशेष लगाव है क्योंकि उन्होंने चिपकों आंदोलन की प्रणेता वृक्ष माता को विद्यालय का आदर्श माना व उसकी प्रतिमा लगाई।

About Author

Please share us

Today’s Breaking