November 21, 2024

सीटू ने रेलवे बिजली के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन के तहत देहरादून रेलवे-स्टेशन पर किया जोरदार विरोध प्रदर्शन

देहरादून। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू) व अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा रेलवे व बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत सीटू कार्यकर्ताओं ने देहरादून रेलवे स्टेशन पर जोरदार प्रदर्शन किया व एडिशनल एसएस के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन मे बिजली बिल 2022 को रद्द करने, बिजली बोर्ड व रेलवे का निजीकरण नहीं करने की मांग की गयी। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि बिजली व रेलवे का निजीकरण प्राइवेट कंपनियों को लूट की  खुली छूट के समान है।

देहरादून रेलवे-स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के कार्यालय पर आयोजित प्रदर्शन में सीटू के प्रांतीय सचिव कामरेड लेखराज कहा कि बिजली किसी भी देश की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण कारक है। लेकिन वर्तमान की भाजपा की केंद्र सरकार व राज्य सरकारो की नीतियों के कारण आज रेलवे व बिजली की हालत ठीक नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार पहले गलत नीतियां अपनाकर सरकारी उपक्रमों को कमजोर करती है और उसके बाद सरकारी उपक्रमों की स्थिति ठीक नहीं होने के बहाने उन्हें निजी हाथों में सौंप रही है। इसी तरह से भाजपा की केंद्र सरकार रेलवे और बिजली बोर्ड को भी निजी हाथों में सौंपने जा रही है।

इस अवसर पर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि रेलवे यातायात का सबसे सस्ता साधन है, लेकिन यदि इसका निजीकरण होता है तो इससे रेल यात्रा महंगी होगी। जिससे जहां रोजगार कम हो जायेंगे, वही किराया बढ़ने से आम जनता पर इसका भार बढ़ेगा।

इस अवसर पर किसान सभा के जिला महामंत्री कमरुद्दीन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार  बिजली क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला कर चुकी है। इसी के तहत उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। वक्ताओं ने कहा कि सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) किसान सभा स्मार्ट मीटर के खिलाफ नहीं है बल्कि इससे भविष्य में आम गरीब जनता को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा उसकी चिंता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की इस खतरनाक नीति से जहां गरीब व मध्यम वर्ग को सब्सिडी पर बिजली मिलनी बंद हों जाएगी, वहीं लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे। यही नहीं स्मार्ट मीटर लगने से टेलीफोन/मोबाइल की तरह जैसे ही आपके स्मार्ट मीटर का रिचार्ज खत्म होगा, वैसे ही बिजली गुल हो जायेगी और आम गरीब व्यक्ति को रिचार्ज करने तक अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ेगा। इसके साथ ही एक स्मार्ट मीटर की कीमत आठ से दस हजार रुपए है, जिसको लगाने का खर्च उपभोक्ता को ही उठाना पड़ेगा। इस तरह बिजली क्षेत्र में वोडाफोन एयरटेल जियो जैसी ही कई कंपनियां उपलब्ध होंगी और बिजली का स्वत ही निजीकरण हो जायेगा। इस तरह से भाजपा की सरकार देश में एक खतरनाक नीति ला रही है।

इस अवसर पर सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल , राजेन्द्र पुरोहित ,अनंत आकाश ,भगवंत पयाल, एस एस नेगी, सीटू के मसूरी नगर अध्यक्ष बी0 एस0 चौहान, महामंत्री गंभीर सिंह पंवार,  विक्रम बलूडी, त्रिलोक चौहान,  महिपाल रावत, राजेन्द्र चौहान,  रविन्द्र नौढियाल, मामचंद, राम सिंह भंडारी, नवीन तोमर, आशा वर्कर्स की अध्यक्षा शिवा दुबे, सुनीता चौहान, कलावती चंदीला, अनीता अग्रवाल, मधु गर्ग, रजनी शर्मा, रजनी सिंह, सुशीला, निर्मला, सहित बड़ी संख्या में सीटू के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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