July 27, 2024

रेलवे, बिजली के निजीकरण व बिजली के स्मार्ट मीटर की खामियों के खिलाफ सीटू हुई मुखर, देहरादून में होगा विशाल प्रदर्शन

सीटू कार्यालय में हुई बैठक में रेलवे बिजली के निजीकरण के के खिलाफ प्रस्तावित प्रदर्शन को लेकर हुआ गहन मंथन।

देहरादून। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू) की देहरादून जिला कमेटी की 3 नवंबर को बिजली बिल 2022 को रद्द करने , बिजली बोर्ड व रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रस्तावित विशाल प्रदर्शन को लेकर बैठक आयोजित की गई जिसमे वक्ताओं ने कहा कि बिजली व रेलवे का निजीकरण प्राइवेट कंपनियों को लूट की  खुली छूट देने के समान है।

गांधी पार्क के समीप स्थित सीटू कार्यालय में जिलाध्यक्ष कामरेड कृष्ण गुनियाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में वक्ताओं ने बिजली किसी भी देश की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण कारक है। लेकिन वर्तमान की भाजपा की केंद्र सरकार व राज्य सरकारो की नीतियों के कारण आज रेलवे व बिजली की हालत ठीक नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार पहले गलत नीतियां अपनाकर सरकारी उपक्रमों को कमजोर करती है और उसके बाद सरकारी उपक्रमों की स्थिति ठीक नहीं होने के बहाने उन्हें निजी हाथों में सौंप रही है। इसी तरह से भाजपा की केंद्र सरकार रेलवे और बिजली बोर्ड को भी निजी हाथों में सौंपने जा रही है। रेलवे यातायात का सबसे सस्ता साधन है, लेकिन यदि इसका निजीकरण होता है तो इससे रेल यात्रा महंगी होगी। जिससे जहां रोजगार कम हो जायेंगे, वही किराया बढ़ने से आम जनता पर इसका भार बढ़ेगा। यही नहीं केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला कर चुकी है। इसी के तहत उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

वक्ताओं ने कहा कि सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) स्मार्ट मीटर के खिलाफ नहीं है बल्कि इससे आम गरीब जनता को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा उसकी चिंता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की इस खतरनाक नीति से जहां गरीब व मध्यम वर्ग को सब्सिडी पर बिजली मिलनी बंद हों जाएगी, वहीं लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे। यही नहीं स्मार्ट मीटर लगने से टेलीफोन/मोबाइल की तरह जैसे ही आपके स्मार्ट मीटर का रिचार्ज खत्म होगा, वैसे ही बिजली गुल हो जायेगी और आम गरीब व्यक्ति को रिचार्ज करने तक अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ेगा। इसके साथ ही एक स्मार्ट मीटर की कीमत आठ से दस हजार रुपए है, जिसको लगाने का खर्च उपभोक्ता को ही उठाना पड़ेगा। इस तरह बिजली क्षेत्र में वोडाफोन एयरटेल जियो जैसी ही कई कंपनियां उपलब्ध होंगी और बिजली का स्वत ही निजीकरण हो जायेगा। इस तरह से भाजपा की सरकार देश में एक खतरनाक नीति ला रही है।

बैठक के माध्यम से सीटू ने किसानों, बिजली कर्मचारियों, पेंशन भोगियों, दुकानदारों व लघु उद्योगों जैसे आटा चक्की, आरा मशीन मालिकों, महिला मंडलों, युवक मंडलों के साथ ही समाज के सभी तबकों से केंद्र की भाजपा सरकार की बिजली के निजीकरण व प्रदेश सरकार द्वारा स्मार्ट मीटर के टेंडर/आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर तीन नवंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में शामिल होने का आहवान किया है। बैठक का संचालन सीटू के जिला महामंत्री कामरेड लेखराज ने किया।

बैठक में सीटू के प्रांतीय महामंत्री कामरेड महेंद्र जखमोला, कामरेड भगवंत पयाल, कामरेड एस एस नेगी, सीटू के मसूरी नगर अध्यक्ष कामरेड बी एस चौहान, बुद्धि सिंह चौहान, गब्बर सिंह धनाई ,रविन्द्र नौढियाल, मामचंद , राम सिंह भंडारी ,नवीन तोमर,  शिवा दुबे, सुनीता चौहान, कलावती चंदीला, नीरज यादव, सहित सीटू के अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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