ट्रेडर्स एसोसिएशन के तत्वाधान में हरितालिका तीज पर विभिन्न कार्यक्रम हुए आयोजित
मसूरी। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में हरितालिका तीज उत्सव पारंपरिक रीति रिवाज के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर नेपाली व गोर्खाली समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
राधाकृष्ण मंदिर सभागार में आयोजित हरितालिका तीज उत्सव में महिलाएं पूरे श्रृंगार के साथ आयी व पारंपरिक रीति के साथ तीज का उत्सव मनाया। इस मौके पर महिलाओं ने नेपाली गानों पर जमकर नृत्य किया। इस मौके पर मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने सभी का हरितालिका तीज उत्सव में स्वागत किया व कहा कि यह उत्सव हर साल आपसी मेल मिलाप व भाई चारे के साथ मनाया जाता है। कार्यक्रम में नेपाली, गोर्खाली सहित सभी समुदाय के लोगों ने बड़े ही उत्साह से भाग लिया। उन्होंने कहा तीज का उत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन मनाने का तरीका सभी जगह अलग होता है। यहां पर आयोजित कार्यक्रम में गीत संगीत, नृत्य, लकी ड्रा, तीज सुंदरी, तीज प्रिसेंस, तीज वृद्ध महिला सम्मान, ती हाजुरो अम्मा, आदि के कार्यक्रम आयोजित किए गये। उन्होंने कहा कि जो बच्चे गरीब वर्ग के हैं उनकी पढाई में संस्था सहयोग करेगी।
इस मौके पर रूकमणी शाही ने कहा कि तीज के दिन व्रत रखा जाता है, जिसकी प्रतीक्षा सबको रहती है। नेपाल में तीन चार दिन पहले से ही यह मनाना शुरू हो जाता है। यह पति की दीर्घायु व परिवार की संपन्नता के लिए मनाया जाता है। इसमें सुहागिन महिलाएं पूरे श्रृंगार के साथ सज धज कर आती हैं। वहीं पूजा थापा ने बताया कि इस दिन नेपाल में शिव किनसबसे बड़ी पूजा होती है जिसमें महिलाएं व्रत रखती हैं व पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ा जाता है। वहीं महिलाएं पूरा श्रृगार करती हैं। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जगजीत कुकरेजा ने किया।
इस मौके पर धन प्रकाश अग्रवाल, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष गीता कुमाई, गोरखा इंटरनेशनल मसूरी शाखा के अध्यक्ष ज्योति प्रसाद बिष्ट, सोनल अग्रवााल, सूरजा गिरी, पूनम देवी, पुष्पा थापा, आशा थापा, चंदा पुंडीर, बीना शाही, विजय लक्ष्मी काला, हिना, प्रमिला नेगी, निमेष डंगवाल, पुष्पा पडियार, सपना शर्मा, अनीता सक्सेना, सलीम अहमद, अनंत प्रकाश, शिव अरोड़ा, राज कुमार, जशोदा शर्मा, गुडडी देवी, अनिल गुप्ता, पुष्पा पुंडीर, नागेद्र उनियाल, अतुल अग्रवाल, धनराज शाही सहित बड़ी संख्या में नेपाली, गोर्खाली व अन्य समुदाय के अतिथि मौजूद रहे।