July 27, 2024

Mussoorie Update: पहले सील की अंग्रेजी शराब की दुकान, फिर दो दिन में ही ऐसा खेल होता है कि खुल जाती है सील, गूंगा बेहरा बना है आबकारी विभाग

मसूरी। आबकारी नियम के तहत शराब के ठेके जारी करते समय शराब दुकान को धार्मिक स्थान, शैक्षणिक संस्थान, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से कम से कम 100 मीटर दूर रखना होता है। लेकिन आबकारी विभाग के भ्रष्ट अधिकारी इन शराब दुकान हटवाने में रूचि लेने के बजाए सुविधा शुल्क लेकर इन नियमों का तोड़ निकाल ही लेते हैं।

जी हां ताजा मामला मसूरी के ग्रीन चौक और भगत सिंह चौक पर खुले अंग्रेजी शराब के ठेके का है। जिनमे भगत सिंह चौंक वाले ठेके के 100 मीटर की परिधि में यूनियन चर्च, राधाकृष्ण मंदिर, हाइब्रोन स्कूल एवम ग्रीन चौक के ठेके के 100 मीटर की परिधि में साई मंदिर, प्राथमिक विद्यालय कुलड़ी, सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च व मस्जिद, आता है। मजे की बात है कि ग्रीन चौक वाले शराब के ठेके को पहले आबकारी विभाग सीज कर लेता है। लेकिन दो दिन बाद ऐसा तोड़ निकाला लेते हैं कि फिर सील को खोल दिया जाता हैं। वहीं पिक्चर पैलेस वाले ठेके पर तो कार्यवाही करने की नाम पर इन अधिकारियों को सांफ ही सूंघ जाता है।

अब आपकी समझ में आ ही गया होगा कि ग्रीन चौक की दुकान पहले सील होती है और फिर दो दिन बाद खुल भी गई। इससे प्रतीत होता है, कि सुविधा शुल्क के बाद ही दुकान को खोलने के रास्ते तलाश लिए गए होंगे। हमारे द्वारा इसका कारण जानने के लिए दो दिन से समाचार संकलन हेतु बयान लेने के लिए जिला आबकारी अधिकारी व आबकारी निरीक्षक को कॉल करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन ये भ्रष्ट आबकारी निरीक्षक जवाब देने से बचने के लिए फोन उठाने को भी तैयार नहीं है। हालांकि इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी राजेश चौहान से बात की गई, लेकिन उन्होंने इन मामलों में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए आबकारी निरीक्षक मसूरी ओमप्रकाश से ही बात करने को कहा। मगर यह भ्रष्ट अधिकारी ओमप्रकाश मीडिया का फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझता। जो अधिकारी मीडिया का फोन उठाना जरूरी न समझता हो वह किसी ओवर रेटिंग या अन्य शिकायतों पर आम नागरिकों का फोन क्या उठाएगा। उनकी शिकायतों का निवारण कैसे करेगा। जिलाधिकारी सोनिका, उपजिलाधिकारी नंदन कुमार को इसका संज्ञान लेते हुए सख्ती से जांच कर ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि अन्य अधिकारियों के लिए नजीर बन सके।

आखिर दो दिन बाद ऐसे क्या हुआ कि सील होने के बाद फिर खुल गई दुकान

दरअसल अभी मंदिर वहीं है, मस्जिद वहीं है, चर्च वहीं है और प्राथमिक स्कूल भी वही हैं। फिर क्या कारण है कि एक बार शराब की दुकान को सील करने के बाद दो दिन बाद फिर खोल दिया जाता है।

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सीजन आते ही शराब के दुकानों में ओवर रेटिंग शुरू, गूंगा बेहरा बना हुआ आबकारी विभाग

पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में शराब के ठेके में लूट खसोट की शिकायतें मिलनी भी शुरू हो गई है। लगभग हर  दुकान में ओवर रेटिंग की शिकायत मिलने सामने आने लगी है। इस पर सीजन के दौरान प्रशासन हमेशा नकेल कसने का प्रयास करता रहा है। लेकिन इस बार अभी तक प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में पर्यटकों के साथ ही स्थानीय नागरिकों के शराब के दुकानों में लूटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। निर्धारित दाम से अधिक पर शराब की बिक्री की जा रही है। आबकारी विभाग पूरी तरह से विफल है। हालिया मामले को देखते हुए भी यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आबकारी अधिकारी जानबूझकर गूंगा बहरा बना हुआ है।

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