सीटू के स्थापना दिवस पर सीटू का झंडारोहण किया, वर्ग संघर्ष के उद्देश्य से हुई संगठन की स्थापना
देहरादून। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने स्थापना दिवस पर कार्यालय पर झंडा रोहण किया।
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने संचालन करते हुए कहा कि सीटू की स्थापना 30 मई 1970 को हुई थी उन्होंने कहा कि सीटू अपने स्थापना काल से ही वर्ग संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए आज भारत के मजदूरों के अधिकारों को संघर्ष से हासिल कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार के द्वारा गरीब मजदूरों के घरों को तोड़ने का काम कर रही है जो कि गैर कानूनी ही नही प्रकृतिक न्याय के विरुद्ध है उन्होंने इसके खिलाफ फैसलाकुन लड़ाई लड़ेगा ओर मजदूरों को हटाने से बचाएगा ।
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सीटू एक संगठन ही नही है वह एक आंदोलन का नाम है उन्होंने कहा कि सीटू हर उस मजदूर के लिए संघर्ष करता है जो अंतिम पाय दान पर खड़ा है।
सीटू की स्थापना वर्ग सहयोग के स्थान पर वर्ग संघर्ष के लिए हुआ है। सीटू का उद्देश्य समाज मे शोषण विहीन समाज की स्थापना करने के लिए संघर्ष करना है।
इस अवसर पर सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, एस.एस.नेगी, रविन्द्र नौढियाल, रामसिंह भंडारी आदि ने विचार रखे ।
इस अवसर पर सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल ने झंडा रोहण किया। इस अवसर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, महामन्त्री गंगाधर नौटियाल, राजेन्द्र पुरोहित ने किसान दिवस के रूप में 30 मई के महत्व पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि गढ़वाल के राजा द्वारा तिलाड़ी के मैदान में किसान जनता जो कि अपने हक – हकूकों के लिए आंदोलन कर रहीं थी जिस पर राजा की फौज द्वारा निहत्थे किसानों पर गोली चलाई गई जिससे सैकड़ो किसान मारे गए थे उन्होंने कहा कि किसान और मजदूरों को मिलकर संघर्ष करना होगा तभी मजदूरों व किसानों को राहत पंहुचा सकते है ।
इस अवसर पर एस.एफ.आई के प्रांतीय सचिब हिमांशू चौहन, शैलेन्द्र परमार, लक्ष्मी पंत, बबिता, सुनीता चौहन, राज तिलक कनोजिया, बिजेंद्र कनोजिया, लक्ष्मी नारायण, विप्लव अनन्त, बबीता अनन्त, गुरु प्रसाद पेटवाल आदि बड़ी संख्या में सीटू कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम के पश्चात सभी कार्यकर्ता सचिवालय कूच में शामिल हुए ।