उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू, 15 जुलाई को होगा पहले चरण का मतदान

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रेसवार्ता करआगामी चुनावों की विस्तृत जानकारी साझा की. निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि राज्यभर में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे, जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए मतदान होगा. इस बार कुल 74,499 ग्राम प्रधान, 55,600 ग्राम पंचायत सदस्य, 2,974 क्षेत्र पंचायत सदस्य, और 358 जिला पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में चुनाव हो रहा है.
निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार, 23 जून को जिला निर्वाचन अधिकारी विस्तृत अधिसूचना जारी करेंगे. इसके बाद 25 जून से 28 जून तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया 29 जून से 1 जुलाई तक पूरी की जाएगी, जबकि 2 जुलाई को नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी.
उत्तराखंड पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे, पहले चरण के लिए चिन्ह (सिंबल) आवंटन 3 जुलाई को किया जाएगा और 10 जुलाई को मतदान कराया जाएगा. वहीं, दूसरे चरण के लिए सिंबल 8 जुलाई को आवंटित होंगे और 15 जुलाई को मतदान कराया जाएगा. दोनों चरणों की मतगणना 18 जुलाई को होगी.
राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पंचायत चुनाव की तैयारियां युद्धस्तर पर की जा रही हैं. जिला प्रशासन को निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं. आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी गई है, ताकि चुनाव प्रक्रिया प्रभावित न हो.
राजनीतिक गतिविधियां तेज
चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों से अपील की गई है कि वे निर्धारित तिथियों का पालन करें और समय पर अपने नामांकन एवं अन्य प्रक्रिया पूर्ण करें. निर्वाचन आयोग की ओर से पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निगरानी तंत्र को भी सक्रिय किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के इस ऐलान के साथ ही प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है और गांव-गांव में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. पंचायत स्तर पर सत्ता की चाबी हासिल करने के लिए प्रत्याशी रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
इस बार 10.5% मतदाताओं की हुई बढ़ोतरी
इस बार 4,56,793 नए मतदाता चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं, इस तरह पिछले बार की तुलना में 10.5% मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है. चुनाव प्रक्रिया के संचालन में 95 हजार अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे, जिनमें 35,700 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे. 5600 वाहन इस पूरी प्रक्रिया में लगाए जाएंगे. चुनाव पर्यवेक्षण के लिए 55 सामान्य प्रेक्षक और 12 आरक्षित प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं, हालांकि व्यय प्रेक्षक नहीं होंगे, लेकिन जिला स्तर पर व्यय निगरानी की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है.
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