सेंट जोजेफ स्कूल के खेल के मैदान पर पार्किंग और सड़क चौड़ीकरण विवाद से बढ़ी अविभावकों की चिंता
देहरादून। सेंट जोजेफ स्कूल के खेल के मैदान पर पार्किंग और सड़क चौड़ीकरण के मामले में विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल यह सेंट जोजेफ स्कूल सचिवालय के निकट स्थित है और लगभग 99 साल पहले स्कूल को जमीन लीज पर दी गई थी, जिसकी अवधि जनवरी 2024 में समाप्त हो गई है। जिसके बाद स्कूल प्रशासन द्वारा लीज के नवीनीकरण के लिए दिसंबर 2023 में ही आवेदन किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
बता दें सेंट जोजेफ स्कूल में लगभग चार हजार बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लीज के नवीनीकरण को लेकर अनिश्चितता के कारण अभिभावकों में चिंता बढ़ रही है। यदि लीज का नवीनीकरण नहीं हुआ तो स्कूल प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। इन बच्चों की शिक्षा और भविष्य पर इसका सीधा प्रभाव पड़ सकता है। सरकार द्वारा खेल के मैदान पर पार्किंग बनाने और सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव से स्कूल प्रशासन और अभिभावक काफी चिंतित हैं।
प्रधानाचार्य ब्रदर जोजेफ ने कहा कि यह मैदान हमारे बच्चों के लिए न केवल शारीरिक खेलों का केंद्र है, बल्कि उनकी समग्र विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यदि इस मैदान को पार्किंग या अन्य उपयोगों के लिए लिया जाता है, तो बच्चों की खेल गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मामले को सहानुभूतिपूर्वक देखा जाए और बच्चों के हितों को प्राथमिकता दी जाए। स्कूल के पूर्व छात्रों का संगठन भी इस मामले में सक्रिय हो गया है। संगठन के अध्यक्ष मेजर जनरल (रि.) संजय शर्मा ने कहा कि हम इस स्कूल के पूर्व छात्र हैं और हमें इस संस्था की विरासत पर गर्व है। सरकार को कोई अन्य वैकल्पिक स्थान ढूंढना चाहिए ताकि बच्चों के खेल के अधिकार पर आंच न आए।
देहरादून में ट्रैफिक समस्या लंबे समय से एक प्रमुख मुद्दा रही है। एसडीएम देहरादून हरगिरि गोस्वामी ने कहा, शहर में ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है और पार्किंग की कमी के चलते सड़क चौड़ीकरण और पार्किंग स्थलों की मांग है लेकिन सरकार यह भी देख रही है कि विकास के साथ-साथ बच्चों और शिक्षा संस्थानों के अधिकार भी सुरक्षित रहें। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इस मामले में अन्य वैकल्पिक प्लान पर भी विचार कर रही है, ताकि स्कूल और बच्चों के हितों को नुकसान न पहुंचे।
इस पूरे प्रकरण को लेकर कुछ लोग इसे शहर की ट्रैफिक समस्या का समाधान मानते हैं, जबकि अन्य इसे बच्चों के भविष्य और उनकी शिक्षा के लिए खतरा बताते हैं। फिलहाल, लीज़ के नवीनीकरण पर यह देखना बाकी है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।