अतिक्रमण के नाम पर केवल पटरी व्यवसायियों को हटाने से नहीं लौटेगी मॉल रोड की गरिमा
मसूरी। माल रोड पर लगातार बढ रहे अतिक्रमण को लेकर नगर प्रशासन जल्द बड़ी कार्यवाही करने वाला है। इस संबंध में उप जिलाधिकारी के निर्देश के बाद पालिका सभागार में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मसूरी माल रोड पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पालिका की दो टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें माल रोड पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करेंगे।
माल रोड पर लगातार हो रहे अतिक्रमण की शिकायतों के बाद उपजिलाधिकारी द्वारा नायब तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसके बाद नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन द्वारा माल रोड में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा। साथ ही मॉल रोड के दुकान स्वामियों द्वारा जो सामान सड़कों पर रखा जाता है उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
पर्यटन सीजन के दौरान माल रोड पर बाहरी व्यक्तियों द्वारा सामान बेचा जाता है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही माल रोड की छवि भी धूमिल होती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि मालरोड पर अवैध पटरी लगाने वालों के खिलाफ शाम पांच बजे से रात्रि दस बजे तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जायेगा, ताकि इस समस्या से निजात मिल सके व मालरोड पर घूम रहे पर्यटकों को हो रही परेशानियों से राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि माल रोड के 52 पटरी व्यवसाई चिन्हित गए किए गए हैं, जो कि पूर्व से मालरोड पर पटरी लगाते है। इसके अतिरिक्त यदि कोई भी माल रोड पर दुकान लगाते हुए पाया जाएगा, तो उसका सामान जब्त कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि मसूरी की मालरोड अंडा भुटटा मार्केट बन गई है। विशेषकर शाम के समय तो सारी हदें पार हो जाती हैं। लोगों के द्वारा लगातार नगर पालिका व नगर प्रशासन को इस संबंध में कहा जाता रहा जिस पर संज्ञान लिया गया व एसडीएम ने नगर पालिका व नगर प्रशासन को अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए है।
अतिक्रमण के नाम पर केवल पटरी व्यवसाईयों को हटाने से नहीं लौटेगी मॉल रोड की गरिमान
नगर प्रशासन और नगर पालिका छोटे पटरी व्यवसायियों पर कार्रवाई कर अपनी पीठ भले ही थपथपा ले, लेकिन मॉल रोड की दशा सुधारने के लिए इतना काफी नहीं है। पूरे मॉल रोड पर जिस तरह से मॉल रोड के होटलों में ठहरे टूरिस्टों के वाहन पार्क होते हैं वह भी नगर प्रशासन, नगर पालिका व पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। सवाल खड़ा होना लाजमी भी है। मॉल रोड के साथ ही कैमल बैक रोड, भोटिया मार्केट आदि जगहों पर होटलों में ठहरे टूरिस्ट के वाहन पार्क होते हैं। वहीं जगह जगह टैक्सी स्कूटियों द्वारा अतिक्रमण कर नो पार्किंग जोन को पार्किंग में तब्दील कर दिया गया है। मगर नगर प्रशासन, पालिका और पुलिस फिलहाल इन सब पर अंकुश लगाने में अब तक पूरी तरह से नाकाम है। सवाल उठता है कि जो टूरिस्ट वाहन मॉल रोड में प्रवेश करते हैं उनको मॉल रोड पर ही पार्क क्यों करवाया जाता हैं। क्या इसके लिए होटल स्वामियों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। यदि नहीं तो फिर वाहनों को प्रवेश भी नही दिया जाना चाहिए। और तो और टैक्सियां भी मॉल रोड पर प्रवेश करते दिख जाती हैं। पोस्ट ऑफिस के समीप जहां बॉटल नेक हटाया गया वहां हर समय वाहन पार्क किए हुए रहते हैं, लेकिन पुलिस भी इस पर ध्यान नहीं देती। यही सब गतिविधियां भी मॉल रोड के भविष्य के लिए चिंता का सबब बने हुए है। इन सब गतिविधियो पर पालिका, प्रशासन व पुलिस अंकुश लगाने में असहाय दिखाई पड़ता है। केवल पटरी व्यवसायियों पर कार्रवाई करने से मॉल रोड की गरिमा लौटने वाली नही है। मॉल रोड और कैमल बैक रोड पर जितने भी होटल हैं उन सब पर भी सड़कों पर टूरिस्ट वाहन पार्क करवाने को लेकर कार्रवाई होनी चाहिए। वरना अतिक्रमण के नाम पर केवल पटरी व्यवसायों पर की जाने वाली कार्रवाही केवल खाना पूर्ति के सिवाय कुछ भी नहीं है।