बढती मंहगाई व बेरोजगारी के विरोध में माकपा व सीटू ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
मसूरी। देश में बढ़ती मंहगाई एवं न्यूनतम वेतन 26 हजार करने की मांग को लेकर सीपीएम एवं सीटू के देशव्यापी सितंबर अभियान के तहत मसूरी में भी शहीद स्थल पर धरना व प्रदर्शन कर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित किया।
बड़ी संख्या में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं सीटू से जुडे़ मजदूर संगठन शहीद स्थल पर एकत्र हुए व वहां पर देश में बढती मंहगाई, बेरोजगारी पर रोक लगाने व न्यूनतम वेतन 26 हजार करने की मांग को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस मौके पर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि पूरे देश में सीपीएम व सीटू सितंबर अभियान के तहत आंदोलन कर रही है जिसमें केद्र व राज्य सरकार से बढ़ती मंहगाई पर रोक लगाने एवं न्यूनतम वेतन 26 हजार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया व ज्ञापन दिया। उन्होने कहा कि महगाई के दौर में किस तरह गरीब मजदूर अपने परिवार का पालन कर रहा है यह चिंता का विषय है। प्रदेश में साढे नौ हजार न्यूनतम वेतन है, ऐसे में गुजारा करना कठिन हो गया है। इसको सरकार को समझना चाहिए। वहीं देश में लगातार बेरोजगारी बढ रही है वहीं सरकार लगातार रोजगार छीनने का कार्य कर रही है, व बड़े संस्थानों में छंटनी की जा रही है व रेगुलर भर्ती न कर ठेके पर मजदूर रख शोषण कर रही है वहीं आशा, भोजन माता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राजकीय कर्मचारी घोषित करना चाहिए, सामाजिक सुरक्षा व उन्हें पेंशन व ग्रेजुएटी भी दी जानी चाहिए।
इस मौके पर सीटू नेता भगवान सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र में तानाशाह सरकार चल रही है, जो आम जनता व मजदूरों की आवाज दबाने का कार्य कर रही है व ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक बातें करती है। उन्होंने कहा कि सितम्बर अभियान के तहत मसूरी में भी विभिन्न संगठनों ने सीटू के नेतृत्व में प्रदर्शन किया व मोदी की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सरकार नौकरी देने के बजाय नौकरी समाप्त कर रही है व आउटसोर्स से भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार मजदूर संहिता बनाई है जिसका भी सीटू द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। जिसमें बेरेाजगारी पर अंकुश लगाने, मंहगाई रोकने, पर्यावरण सरंक्षण, सड़क, बिजली, पानी, सहित होटल व संविदा कर्मियों को न्याय दिलाने आदि की मांग की गई।
इस मौके पर सीपीएम के जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित ने भी धरने को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस मौके पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र पुरोहित ने कहा कि मोदी सरकार 2014 में महंगाई कम करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में जरूरत की वस्तुओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जिससे गरीब आदमी का जीना दुश्वार हो गया है। इसके साथ ही देश में बेरोजगारी में भी बेहतशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपानीत मोदी सरकार व राज्य की धामी सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने में मस्त है। मुख्य मुद्दों पर उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं के बढ़ती कीमतों व बेरोजगारी को नियंत्रित करने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान भी आत्महत्या करने पर मजबूर है। केंद्र सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों के कारण श्रमिको का शोषण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा है, ताकि ट्रेड यूनियनों पर शिकंजा कसा जा सके। उन्होंने कहा कि माकपा सरकार की ऐसी नीतियों का पुरजोर विरोध करती है। का0 पुरोहित ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर किया जा रहा है, जिससे महंगाई में बेहताशा बढ़ोतरी हुई है।
इस मौके पर मजदूर संघ के पूर्व मंत्री गंभीर पंवार, आंगनवाडी यूनियन की अध्यक्ष जयश्री बिष्ट, सचिव ममता राव, मीना नेगी, गीता कंडियाल, सरस्वती बिष्ट, प्रमिला भटट, दीपा, आशा कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष सुनीता सेमवाल, शैला यहुन्ना, सुधा कंडारी, सुनीता तेलवाल, होटल कर्मचारी यूनियन सचिव विक्रम बलूड़ी, विजय कंडारी, कुशाल कंडारी, राजेंद्र चौहान, बैशाख सिंह सहित बड़ी संख्या में आशा कार्यकत्री, आंगनवाडी कार्यकत्री मौजूद रहे।