October 15, 2024

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गोष्ठी में पत्रकारिता की चुनौतियों पर डाला प्रकाश

मसूरी। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर एक्टिव मीडिया प्रेस क्लब में पत्रकारिता की चुनौतियों पर गोष्ठी का आयोेजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने हिंदी पत्रकारिता के 197 साल के इतिहास पर प्रकाश डाला व वर्तमान में आधुनिक तकनीकि का पत्रकारिता पर पड़ रहे प्रभाव व उसकी चुनौतियों पर मंथन किया। गोष्ठी में वक्ताओं ने पत्रकारिता की चुनौतियों पर विस्तार से विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार शूरवीर भंडारी ने अपने संबोधन में पत्रकारिता के 197 साल के सफल पर विस्तार से प्रकाश डाला व कहा कि आज की पत्रकारिता भले ही आधुनिक तकनीकि के कारण आसान हो गई है व सोशल मीडिया का इस पर बड़ा प्रभाव पड़ा है लेकिन हिंदी पत्रकारिता ने बड़े उतार चढाव आने के बाद भी बड़ा मुकाम हासिल किया है। आज सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया से जुड़े हैं जो संचार व सूचना के माध्यम है तथा पत्रकारिता का मूल उददेश्य सूचना है लेकिन इसकी विश्वनीयता को बनाये रखना होगा। पहले मिशनरी पत्रकारिता थी लेकिन आज की पत्रकारिता बाजारवाद के आधीन हो गई है। जिससे चुनौतियां बढ गई है।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार बिजेंद्र पुडीर, सूरत सिंह रावत, हरीश कालरा, अमित गुप्ता, दीपक रावत, तान्या सैली, धमेंद्र सिंह, आशीष भटट, आदि ने भी हिंदी पत्रकारिता दिसस की बधाई देते हुए अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्लब अध्यक्ष सुनील सिलवाल ने कहा कि 1826 से जुगल किशारे शुक्ल ने उदंड मार्तड अखबार निकाला था और एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि पहले पत्रकार को काफी संघर्ष करना पड़ता था लेकिन सोशल मीडिया के आने से सरल हो गया सूत्रों को माध्यम से अच्छी समाचार प्रेषित करते हैं। लेकिन मीडिया हाउस को अपने पत्रकारों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की खबरों को किस तरह नये स्वरूप से प्रस्तुत करना है यह बड़ी चुनौतियां हैं ऐसे में पत्रकारों का समय के अनुसार अपडेट रहने की जरूरत है। संचालन क्लब महासचिव सूरत सिंह रावत ने किया।

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