युवाओं पर लाठीचार्ज धामी सरकार के लिए सरदर्द भी बन सकता है यह आंदोलन
देहरादून। उत्तराखंड की शांत वादियां गुरुवार एक बार फिर से आंदोलन के नारों से गूंज गयी। आज देहरादून की सड़कों पर उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन के समय का नजारा देखने को मिला। राज्य आंदोलन ले बाद यह पहला मौका होगा जब बेतहाशा आक्रोशित युवा सड़कों पर आ गये। इस दौरान युवाओं ने पथराव किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज। किसी के सिर पर डंडे बरसे तो किसी को पत्थर से चोट लगी। यहां तक कि वार्ता के दौरान आंदेालनकारियों ने पानी की खाली बोतलें भी फेंकी जो सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान की आंख में लग गयी। हालांकि उन्होंने मामले को तूल नहीं दिया।
देहरादून की राजपुर रोड कांग्रेस भवन से लेकर घंटाघर तक पूरी तरह से जाम थी। हर जगह युवाओं के जत्थे सड़क घेर कर बैठे हुए थे। अचानक से बीच में युवा भड़क गये और उन्होंने पुलिस कर्मियों पर पथराव कर दिया। वहीं कुछ देर बाद आंदोलनकारियों के हंगामे को रोकने के लिए पुलिस ने उन पर बुरी तरह से लाठियां बरसा दीं।
इस दौरान वहां पर उत्तराखंड क्रांति दल से जुड़े नेता, राज्य आंदोलनकारी भी थे जो यह कहते नजर आए कि राज्य प्राप्ति आंदेालन की तरह ही आज एक बार फिर से युवा शक्ति एकजुट हो कर अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर आ गयी है। सरकार को इनकी मांगों पर विचार करना चाहिए। अन्यथा यह आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है।
आज हजारों की संख्या में युवाओं के आंदोलन में शामिल होने की पुलिस-प्रशासन को उम्मीद भी नहीं थी लेकिन इस भीड़ को देखते हुए प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गये। इस दौरान गुस्साये आंदोलनकारियों ने पुलिस पर जम कर पथराव किया तो वहीं पुलिस ने भी इन लोगों पर लाठीचार्ज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस उग्र आंदोलन के बाद भी अगर सरकार इन बेरोजगारों की मांग नहीं मानती है तो इनकी संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है। आज इतने लोग सड़कों पर थे तो संभवत: कल इनकी संख्या तिगुनी और चौगुनी भी हो सकती है। जो धामी सरकार के लिए सरदर्द भी बन सकती है। राज्य में भर्ती परीक्षाओं में धांधली एक के बाद एक खुलती जा रही है जिसको लेकर युवाओं में आक्रोश है। यदि यह आक्रोश इसी तरह से बना रहा तो युवाओं का यह आंदोलन सरकार के गले की फांस बन जाएगा।