मसूरी: जब IAS के पिता की तहरीर पर ही FIR नही होती तो आम जनता क्या उम्मीद करे?
मसूरी। जब IAS के पिता की तहरीर पर ही FIR नही होती तो आम जनता क्या उम्मीद करे? जी हाँ यह हम नही खुद कुमांउ कमिश्नर दीपक रावत के पिता राम सिंह रावत कह रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे दिवाकर रावत व ललित मोहन काला के बेटे की कार के शीशे तोड़ कर चोरो ने सामान पर हाथ साफ़ कर दिया था, जिसकी तहरीर उन्होंने कोतवाली में दी थी, लेकिन आज तक उस पर कार्रवाई करना तो दूर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गयी।
कुमांउ कमिश्नर दीपक रावत के पिता राम सिंह रावत ने पत्रकारों को बताया कि चार दिसंबर को उन्होंने कोतवाली में कार के शीशे तोड़कर चोरों द्वारा सामान चुराने की तहरीर दी थी। उनके बेटे दिवाकर रावत की कार के शीशे तोड़ने के साथ ही वहीं खडी ललित मोहन काला के बेटे की कार के शीशे भी तोड़े गये व उसमें से भी काफी सामान गायब हो गया। जिसकी लिखित तहरीर कोतवाली में चार दिसंबर को दी गई लेकिन पुलिस ने कार्रवाई तो दूर की बात उनकी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई।
आश्चर्य की बात है कि जब एक वरिष्ठ आईएएस के भाई की कार चोरी की प्राथमिकी ही पुलिस द्वारा दर्ज नहीं जात्ती, तो आम जनता को एक तहरीर लिखवाने के लिए कित्तना परेशान होना पड़ता होगा। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कोतवाल दिगपाल सिंह कोहली ने कहा कि उनकी प्राथमिकी 7 दिसंबर को दर्ज की गई है तथा जांच जारी है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने में चार दिन क्यों लगे इसका कोई उत्तर नहीं दिया।