सीवरेज की बढ़ती समस्या पर जलसंस्थान सख्त, 200 प्रतिष्ठानों को भेजा नोटिस
मसूरी। सीवरेज की बढ़ती समस्या को देखते हुए उत्तराखंड जल संस्थान ने करीब दो सौ प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया भेजा है। विभाग द्वारा कह गया है कि वे सीवर में कीचन का पानी, बोतले, या अन्य वस्तु न डालें। इसके बाद विभाग द्वारा जांच की जाएगी और यदि कमी पायी जायेगी तो संबंधित प्रतिष्ठान का पांच हजार तक का चालान किया जायेगा। उसके बाद भी न मानने पर 25 हजार तक का चालान किया जायेगा। साथ ही उनके पानी व सीवर लाइन के कनेक्शन काटे जायेंगे।
जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत ने बताया कि एसडीएम द्वारा सीवर व पानी को लेकर बैठक की गई थी, जिसमें सीवर बहने से रोकने के निर्देश दिए थे। बैठक में मसूरी के होटल, रेस्टोरेंट आदि प्रतिष्ठानों को कहा गया था कि वे सीवर के पानी में किचन का पानी न जोडें। लेकिन इसके बाद भी किसी के द्वारा भी निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जिससे लगातार सीवर की बढती समस्या को लेकर विभाग कड़े कदम उठाने पर मजबूर है। उन्होंने कहा कि जल संस्थान सीवर खोलने का कार्य करता है, जबकि लोग सीवर को चॉक करने का कार्य कर रहे है, ऐसे प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि मसूरी में अधिकतर होटलों, रेस्टोरेंटों व हलवाई की दुकानों में कीचन का पानी सीवर में डाल रहे हैं जिसकी गंदगी व तेल आदि के डालने से सीवर लाइन चोक हो जाती है। कई स्थानों पर बरसात का पानी भी सीवर लाइन में डाला जा रहा है जो कि गलत है। जिसमें पत्ते व पेडों की लकडी आदि भी सीवर लाइन में फंस जाती है। उन्होंने कहा कि जहां भी सीवर चोक होता है जो विभाग के कर्मचारी जब लाइन को खोलते हैं तो उसमें कांच की बोतल, प्लास्टिक की बोतले, बाल व अन्य कचरा, कपड़े आदि पाये जाते हैं, अगर सीवर में केवल सीवर की रहे तो लाइन कभी चोक नहीं हो सकती। लेकिन लगातार सीवर बहने की घटनाओं को देखते हुए विभाग ने स्थल निरीक्षण कर अभी नोटिस देना शुरू किया है व इसके बाद जांच की जायेगी कि उनका कीचन का पानी सीवर में तो नहीं है अगर ऐसा पाया जाता है तो उनका पांच हजार तक का चालान किया जायेगा व न मामने पर 25 हजार तक का चालान किया जायेगा। इसी कड़ी में विभाग ने शहर के प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजने शुरू कर दिए है ताकि वे समय रहते सीवर लाइन से कीचन की लाइन अलग कर दें, वहीं विभाग प्रतिष्ठानों में जाकर जांच करेगा व गलती पाये जाने पर जुर्माना करेगा। उन्होंने कहा कि सीवर में तेल, घी आदि डाले जाने से वह लाइन में जम जाता है व लाइन चोक हो जाती है। जिन प्रतिष्ठानों को नोटिस दिए गये उसमें लिखा है कि किचन वेस्ट, अपशिष्ट जल बिना फिक्सस्ड जाली, ऑयल एंड ग्रीस टै्रप के सीवर लाइन में डालने से सीवर लाइन चोक हो रही है, इसलिए तीन दिनों के अंदर इन कमियों को ठीक कर दें अन्यथा पांच हजार का जुर्माना उत्तर प्रदेश जल संभरण एवं सीवर व्यवस्था अधिनियम 1975 एवं उत्तराखंड उपांतरण आदेश 2002 की उपधाराओं एवं उपबंधों एवं उत्तराखंड जल संस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बाईलाज 2008 की सुसंगत धाराओं एंव प्राविधानों के अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।