देशव्यापी हड़ताल का प्रदेशभर में रहा व्यापक असर, मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों पर जमकर बरसे ट्रेड यूनियनें
देहरादून। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज श्रमिकों की हड़ताल का प्रदेशभर में व्यापक असर रहा। सीटू, एटक, इन्टक तथा महासंघों से जुड़ी सभी यूनियने 22 सुत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रही। तय कार्यक्रम के मुताबिक सभी हजारों की तादात में 11 बजे राजधानी देहरादून के गांधी पार्क पर एकत्रित हुए। जहां से रैली केंद्र व प्रदेश सरकार की श्रमिक व जनविरोधी नीतियों के विरोध में नारेबाजी करते हुए गांधी पार्क से घण्टाघर, दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, गांधी रोड होते हुए जिला मुख्यालय पंहुची। जहां रैली जनसभा में तब्दील हुई। इसके बाद ट्रेड यूनियनों द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए सभी वक्ता मोदी एवं धामी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों जमकर बरसे। बता दें देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर आंगनवाड़ी यूनियन द्वारा बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण निदेशालय, उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन द्वारा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखंड आशा स्वस्थ्य कार्यकत्री यूनियन द्वारा भी स्वास्थ्य निदेशालय में पहले ही नोटिस दिया गया था व सभी ने हड़ताल में बढ़चढकर भागेदारी की। आई.एम.ए के वासरमेन ने भी हड़ताल में शिरकत की। इसके साथ ही स्कूल कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। परिवहन में भी कई यूनियनों जिनमे आईएसबीटी से विकास नगर डाकपत्थर चलने वाली बस सेवा हड़ताल पर रही। जिला देहरादून ड्राईवर कन्डक्टर यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र पुंडीर ने बताया कि डाकपत्थर बस स्टैंड में सभी ड्राइवर कंडक्टरों ने एकत्रित हो कर हड़ताल के तहत प्रदर्शन किया। दून, डाकपत्थर यमुना वेली उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सीटू से जुड़ी सफाई कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। उन्होंने गोपाल बाल्मीकि के नेतृत्व में जलूस निकाल कर प्रदर्शन कर ujvnl के उप निदेशक को मांग पत्र दिया। महानगर ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष मनिंदर सिंह बिष्ट ने, गौरव कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में ऑटो नही चले। ई रिक्शा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सोनू कुमार महामन्त्री बिलाल ने दावा किया कि सेलाकुई सहसपुर में ई रिक्शा हड़ताल पर रहे। हथियारी पावर हाउस में भी सीटू के संविदा कर्मी हड़ताल में शामिल रहे ।
इससे पूर्व गांधी पार्क में सभा का संचालन करते हुए सीटू के राज्य सचिव लेखराज ने कहा कि आज देशव्यापी हड़ताल के तहत मजदूरों ने मोदी सरकार के साम्प्रदायिक एजेंडे को दरकिनार कर दिया है। आज की देशव्यापी हड़ताल पूरी तरह सफल रही है। मोदी सरकार को मजदूर विरोधी फैसलों को वापस लेने व मजदूरों की आवाज को सुनने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जनविरोधी मोटर वाहन अधिनियम को वापस लेना ही पड़ेगा।
इस अवसर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि आज मजदूर किसान आंदोलन ने मोदी सरकार को बेनकाब किया है। स्वतः स्फूर्त हड़ताल कामयाब रही। इससे यह साबित होता है कि मजदूरों के बीच सरकार के प्रति व्यापक आक्रोश है जो कि आने वाले 2024 के लोक सभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे।
इस अवसर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि आज मोदीनसरकर द्वारा श्रम कानूनो की धज्जियां उड़ाकर मालिकों के पक्ष में कानून बनाए जा रहे हैं। 29 श्रम कानून को समाप्त कर श्रम संहिता बनाई गई है जिससे मजदूरों को गुलामी की तरह जीवन बसर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरो और किसानों ने मिलकर मोदी सरकार को ललकारा है। इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
इस अवसर पर एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि आज आंगनबाड़ी, भोजनमाता, आशा वर्करो सहित तमाम श्रमिक हड़ताल पर हैं, किंतु यह सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है जो की सरासर मजदूर विरोधी कृत्य है। उन्होंने कहा कि चाय बागान के श्रमिकों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि 26000 न्यूनतम वेतन समय की जरूरत है, ताकि मजदूर अपने जीवन स्तर को उठा सके। लेकिन मोदी व धामी सरकार इन मुद्दों को सांप्रदायिकता के आधार पर समाप्त कर देना चाहती है।
इस अवसर पर एटक के रांची उपाध्यक्ष समर भंडारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री यूनियन के अध्यक्ष जानकी चौहान, रेखा नेगी ने विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर भोजनमाता यूनियन की महामंत्री मोनिका, आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष शिवा दुबे ने अपनी यूनियन के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया और मांग रखी। इस अवसर पर किसान सभा के प्रांतीय अध्य्क्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ,महामंत्री गंगाधर नौटियाल कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद देवली ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रही स्किम वर्कर्स ने मांग की की जिलाधिकारी देहरादून स्वयम उनका ज्ञापन लेने आये जिस पर जिलाधिकारी स्वयम उनका ज्ञापन लेने पहुंची तब जाकर वे वहाँ से हटी ।
इस अवसर पर बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, इंटक के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार, वीरेंद्र कुमार, आप अमोली, धीरज भंडारी, ड़ी ए वी के पूर्व अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, अनंत आकाश, सीटू के मसूरी नगर अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान, उपाध्यक्ष विजय सिंह, बलवंत नेगी, भोजन माता यूनियन से चारु, विमला कौसल, सुमन राय पूनम, रजनी, सुनीता, बबिता, रोशनी, देवेश्वरी, बबिता, हेमा, शकुंतला, शुशोला रावत, शकुंतला, गीता देवी, आंगनवाड़ी यूनियन से चित्रकला, सुनीता रावत, जानकी चौहान, रजनी गुलेरिया, लक्ष्मी पंत, मनीषा राणा, रजनी बड़थ्वाल, आशा गुरुंग, विमल भंडारी, किरण नेगी, सुनीता, ज्योति वाला, रेखा रावत, मीना चंदेल, गीता पाल, सटेश्वरी, तारा बिष्ट, अनीता साईं, अनुराधा, ऊषा भंडारी, सुनीता, जगोड़ी, प्रेमा जम्मा देवी, नैना देवी, किरण, सुमित्रा, वैजयंती, उषा, गुलनाज, नीलम, उत्तराखंड आशा स्वस्थ्य कार्यकत्री यूनियन (सीटू) अध्यक्षा शिवा दुबे, कलावती चन्दोला, सुनिता चौहान, बबिता, लोकेश देवी, आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन मसूरी(सीटू) की महामंत्री सुनीता सेमवाल, गुड्डी देवी, सीमा देवी, रामप्यारी डोभाल, संगीता लेखवार, शैल यहूना, वंदना रावत, रीता साईनाथ, सीमा देवी, आरती, प्रतिमा सहित सीटू से जुड़ी आँगनवाड़ी, आशा, भोजनमाता यूनियन, स्कूल कर्मचारी यूनियन, ऑटो यूनियन, आईएमए कर्मचारी, ई रिक्शा यूनियन व चाय बागान यूनियन आदि के हजारों श्रमिक मौजूद रहे।
संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के तहत श्रमिकों ने किया प्रदर्शन, ज्ञापन प्रेषित किया
मसूरी में भी संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले श्रमिक शहीद भगत सिंह चौक पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में इंडिया गठबंधन से जुड़े राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि ही सम्मिलित रहे। इसके बाद उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और उत्तराखंड के राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया
इस मौके पर शहर कांग्रेस कमेटी, भाकपा, आम आदमी पार्टी और ट्रेड यूनियन के वक्ताओं ने किसानों की मांगों को जल्द पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से अपील की। वक्ताओं ने कहा कि आज विभिन्न संगठनों द्वारा किसानों और मजदूरो की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। किसान देश के अन्नदाता हैं और उनकी जायज मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए। किसानों द्वारा पूर्व में भी आंदोलन किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार लगातार इसकी अनदेखी कर रही है, जिसका खामियाजा मोदी सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना होगा। श्रमिकों व किसानों के साथ केद्र सरकार छलावा कर रही है। दो साल पहले मोदी सरकार ने तीन काले कानून वापस लिए। लेकिन एमएसपी लागू नहीं की। किसान चाहता है कि सभी फसलों पर एमएसपी लागू हो व सरकार उनकी फसलें खरीदे। लेकिन तानाशाह सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है।
इस मौके पर सभा को कांग्रेस शहर अध्यक्ष अमित गुप्ता, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के अध्यक्ष आरपी बडोनी, सीपीआई सचिव देवी गोदियाल आदि ने संबोधित किया।
इस मौके पर गाइड यूनियन के अध्यक्ष विजय सिंह कठैत, बलबीर सिंह, स्कूल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पदम महापात्रा, भवन निर्माण संघ के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, रमेश राव, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता जय प्रकाश राणा, सोबन सिंह पंवार, पूरण सिंह नेगी, विरेंद्र डुगरियाल, रणजीत चौहान, महेशचंद, महिपाल पंवार, चांद खान आदि मौजूद रहे।