टैक्सी स्कूटियों के मॉल रोड व कंपनी बाग जाने पर प्रतिबंध लगाए प्रशासन: मजदूर संघ
एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि मसूरी मालरोड व कंपनी बाग में प्राइवेट व टैक्सी स्कूटियां सवारियां लेकर जा रही हैं जिससे कि रिक्शा चालकों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। जबकि पूर्व में कंपनी बाग व मालरोड पर स्कूटियां प्रतिबंधित थी। इनके चलने से रिक्शा श्रमिकों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है। जिससे रिक्शा श्रमिकों में रोष व्याप्त है। ज्ञापन में मांग की गई कि शिफन कोर्ट से बेघर हुए 180 को आवास दिया जाय। ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके।
शहर के लिए नासूर बनती जा रही अवैध रूप से संचालित टैक्सी स्कूटियां
बता दें मसूरी में टैक्सी स्कूटियों के कारण जहां रिक्शा श्रमिकों की रोजी रोटी प्रभावित हुई है, वहीं यातायात की दृष्टि से भी टैक्सी स्कूटियां शहर के लिए नासूर बनती जा रही है। हालांकि पिछले दिनों आरटीओ द्वारा टैक्सी स्कूटियों पर शिकंजा कसने को लेकर अभियान चलाया गया, लेकिन आरटीओ का यह अभियान मात्र खानापूर्ति ही साबित हुआ है। इससे आरटीओ अधिकारियों की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध नजर आती है। आरटीओ से टैक्सी स्कूटियों को लेकर सूचना के अधिकार में जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने वाली है। सूचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी के अनुसार मसूरी शहर में बड़ी संख्या में टैक्सी स्कूटियां अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। लगभग 80 फीसदी टैक्सी स्कूटियां नियमो की अनदेखी कर संचालित की जा रही हैं, लेकिन आरटीओ के अधिकारी केवल खानापूर्ति के लिए निरीक्षण कर इतिश्री करते दिख रहे हैं। इससे नियम विरुद्ध संचालित हो रही स्कूटियों की बाढ़ सी आ गई है, जो शहर की हर सड़क पर पार्क किए मिल जाते हैं। इससे रिक्शा श्रमिकों की रोजी रोटी तो प्रभावित हो ही रही है, लेकिन ये मसूरी शहर के लिए भी नासूर बनते जा रहे है। अवैध रूप से संचालित हो रही टैक्सी स्कूटियो पर अब जिला प्रशासन ही नकेल कस सकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में यह स्थिति प्रशासन से भी नही संभाली जाएगी।