शादी करने पर भी मिलेगा 2.50 लाख रुपये का मोटा अमाउंट, लेकिन कब? जाने कैसे मिलेगा लाभ
नई दिल्ली: अंतरजातीय शादी करने वालों के लिए खुशखबरी है. शादी करने वाले कपल को सरकार की ओर से 2.50 लाख रुपये का मोटा अमाउंट मदद के रूप में दिया जाता है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना बताया जा रहा है. आपको बता दें कि इसमें आवेदन करने का तरीका बेहद आसान है. यदि आप किसी जन प्रतिनिधि से सिफारिस करा देते हैं तो आपको पैसा जल्दी मिल जाता है. जिससे कपल अपना मैरिड जीवन आसानी से शुरू कर सकता है. यानि सरकार की ओर से ये उसके लिए आर्थिक मदद होती है.
वापस चला जाता है पैसा
दरअसल, ये स्कीम सरकार ने 2013 में ही शुरू कर दी थी. लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते. जिसके चलते राज्यों को मिला अंतरजातिय विवाह का फंड वापस भेजना पड़ता है. आपको बता दें कि ज्यदातर अंतरजातीय विवाह में शादी करने वाले जोड़े का परिवार साथ नहीं देता. इसलिए उसे आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है. कई कपल तो इसी डर से विवाह तक नहीं कर पाते. समस्या को देखते हुए सरकार ने ऐसे लोगों को आर्थिक मदद वाली योजना शुरू की थी. आइये जानते हैं कैसे आप स्कीम का लाभ ले सकते हैं.
आवेदन का तरीका
शादी करने के बाद पति और पत्नी दोनों को जिला कार्यालय जाकर इसका आवेदन फॅार्म लेना होगा. इसके बाद आवेदन फार्म में दोनों के जाती प्रमाणपत्र लगेंगे. साथ ही मैरिज सर्टिफिकेट सहित कुछ अन्य दस्तावेज भी लगाए जाएंगे. आवेदन को ठीक से भरने के बाद जिला कार्यालय ही जमा किया जाता है. वहां से जिला प्रशासन उसे अंबेडकर फाउंडेशन भेज देते हैं. जिसके बाद पात्र कपल के ज्वाइंट अकाउंट में पैसा आ जाता है.
ये है पात्रता
स्कीम का लाभ लेने वाले सामान्य जाती के युवाओं को दलित समुदाय की लड़की से शादी करना होगा. यानि वर और वधु दोनों की जाती अलग-अलग होना जरूरी है. साथ ही हिन्दू मैरिज एक्ट के मुताबिक शादी प्रमाणित होना आवश्यक है. साथ ही यदि आप दूसरी शादी कर रहे हैं तो भी योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे. आपको बता दें कि योनजा का नाम डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज रखा गया है.