June 22, 2025

सुखविंदर सिंह समेत ये कलाकार देंगे प्रस्तुति, अमित शाह भी आएंगे; इस दिन होगा राष्ट्रीय खेलों समारोह का भव्य समापन

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय खेलों के समापन पर शुक्रवार यानी 14 फरवरी को हल्द्वानी आएंगे। यहां वह दोपहर बाद साढ़े तीन बजे समापन समारोह को संबोधित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को लेकर शासन तैयारियों में जुटा हुआ है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन 14 फरवरी को होना है। राज्य सरकार इस आयोजन को दिव्य व भव्य बनाने के लिए कार्य कर रही है। समापन समारोह में बालीवुड गायक सुखविंदर व श्वेता मेहरा प्रस्तुतियां देंगे। दिगारी ग्रुप भी समारोह में अपनी प्रस्तुति देगा। इस दौरान मानसखंड और राष्ट्रीय खेलों के सफर को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

28 जनवरी को पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
बता दें कि उत्तराखंड में 28 जनवरी को पीएम मोदी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया था। समारोह राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में था। पीएम मोदी ने रथ पर सवार होकर स्टेडियम में प्रवेश किया था। पीएम मोदी के साथ मंच पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी व पीटी ऊषा भी मौजूद थे। पीएम ने कहा था, ‘देवभूमि ऊर्जा से और दिव्य हो उठी है। इस युवा राज्य में देश के कोने कोने से आए युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। इस बार राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स भी हैं। सभी मेडल और ट्रॉफी e waste से बने हैं।’

पीएम मोदी ने यूसीसी पर कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि खेल और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भेदभाव को समाप्त करते हैं। खेल स्पर्धाएं सबका प्रयास और टीम भावना से खेलने के लिए प्रेरित करती हैं। यूसीसी से भी यही प्रेरणा मिलती है। मोदी ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए उत्तराखंड की पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए प्रदेश सरकार और जनता को बधाई भी दी थी। इसके एक दिन पहले 27 जनवरी को ही राज्य में यूसीसी लागू हुआ था।

यूसीसी के बारे में भी जान लें
उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का लोकार्पण किया था। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है।

 

 

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