प्रख्यात वामपंथी नेता येचुरी के निधन पार्टी का झंडा झुकाया, वाम नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया
देहरादून। प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी के आकस्मिक निधन पर उत्तराखण्ङ में पार्टी ने उनके सम्मान में अपना झण्डा झुकाया तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी।
कामरेड येचुरी के निधन पर राज्य कार्यालय एवं देहरादून जिला कार्यालय में झण्डा झुकाया गया। पार्टी के देहरादून जिला सचिव कामरेड अनंत आकाश ने कामरेड सीताराम येचुरी को याद करते हुए बताया कि कामरेड येचुरी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत एसएफआई छात्र संगठन से की। उन्होने एसएफआई के अखिल भारतीय महामंत्री तथा जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष रहते हुए शिक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे जनपक्षीय अर्थशास्त्री थे तथा इस क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सदैव याद किया जायेगा।
कामरेड येचुरी ने देश व दुनिया में अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने साम्प्रदायिकता के खिलाफ तथा धर्म निरपेक्षता, राष्ट्रीय एकता व अखण्डता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जनतन्त्र की हिफाजत के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर कई बार देश का नेतृत्व किया। उत्तराखंड में पार्टी के निर्माण में उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। उन्होंने देहरादून में आयोजित पिछले राज्य सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की थी। उत्तराखण्ड की राज्य कमेटी सदैव उनके योगदान को याद करती रहेगी। पार्टी के राज्य सचिव कामरेड राजेन्द्र नेगी ने उनके सम्मान में राज्य कार्यालय का झण्डा झुकाया।
येचुरी के निधन पर माकपा राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, भाकपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य समर भंडारी व भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, लेखराज, अन्नत आकाश, सुरेंद्र सजवान आदि ने कहा कि माकपा के महासचिव और देश के प्रमुख वामपंथी नेता कॉमरेड सीताराम येचुरी का आकस्मिक निधन अत्यंत दुखद है। देश में मेहनतकशों के संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई के वे अप्रतिम योद्धा थे। वे संविधान, लोकतंत्र व धर्म निरपेक्षता के पक्ष में मजबूत आवाज थे। जीवन में आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष से लेकर वर्तमान फासीवादी निजाम के खिलाफ संघर्ष तक वे अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे। लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक विवधता जैसे मूल्यों के वे प्रबल पक्षधर थे। जीवन भर जनता के पक्ष में खड़े रहने के बाद, जब वे दुनिया से रुखसत हुए हैं तो उनका शरीर भी जनता की बेहतरी के काम आयेगा। उनके परिजनों द्वारा मेडिकल शिक्षा और शोध के उद्देश्य के लिए कॉमरेड सीताराम येचुरी का शरीर एम्स को दान किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश का वाम- लोकतांत्रिक आंदोलन कॉमरेड सीताराम येचुरी को हमेशा याद रखेगा तथा उस रास्ते पर और मजबूती से आगे बढ़ेगा, जिसके वे आजीवन राही रहे हैं।
माकपा मसूरी शहर सचिव भगवान सिंह चौहान व भाकपा के शहर सचिव देवी गोदियाल, सीटू मसूरी इकाई के महासचिव गंभीर पंवार, होटल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर पी बडोनी, होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी संघ के महासचिव विक्रम बलूडी, ने भी सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया व उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कॉमरेड येचुरी का निधन वाम आंदोलन, धर्म निरपेक्ष शक्तियों के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी अपूर्णीय क्षति है।
“कॉमरेड सीताराम येचुरी को लाल सलाम, विदाई सलाम ! “