उत्तराखंड में दिसंबर में होंगे पंचायत चुनाव, पंचायती राज सचिव ने दी जानकारी
पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ होने की संभावनाएं बढ़ी
देहरादून: सरकार राज्य में 2024 में होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव दोनों को करने की तैयारियों में पूरी तरह जुटी हुई है। इसी क्रम में सरकार ने ग्राम पंचायत में परिसीमन की तैयारी भी पूरी कर ली है। सभी 13 जिलों में परिसीमन का काम पूरा हो चुका है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि 2024 में होने वाले चुनावों के लिए ग्राम पंचायतों के परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। इस बार कुल 50 नई ग्राम पंचायतें बनाई गई हैं और 13 ग्राम पंचायतें निरस्त की गई हैं। कुल 37 नई ग्राम पंचायत अस्तित्व में आई हैं। पिछली बार जब चुनाव हुए थे, तब उत्तराखंड में कुल 7795 ग्राम पंचायतें थीं, जो अब बढ़कर 7832 हो गई हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में इसी साल दिसंबर में पंचायत चुनाव होने हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड में अक्टूबर में चुनाव होने थे और राज्य सरकार उसी के हिसाब से तैयारियां कर रही थी, लेकिन विधानसभा में ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक पेश होने के कारण चुनाव की तारीख में बदलाव किया गया।
दो से ज्यादा बच्चे वाले भी लड़ सकेंगे चुनाव
राज्य में पहले दो से ज्यादा बच्चे वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लेकिन अब दो से ज्यादा बच्चे वाले माता-पिता भी चुनाव लड़ सकेंगे। इस बारे में उत्तराखंड के पंचायती राज मंत्री ने बताया कि हाई कोर्ट ने दो से ज्यादा जीवित बच्चों वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ने की कटऑफ तारीख तय कर दी है। हाईकोर्ट के मुताबिक, 25 जुलाई 2019 से पहले जिनके बच्चे जीवित हैं, वे पंचायत चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का दावा कर सकते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोगों को अभी भी पंचायत चुनाव में दो बच्चों के नियम को लेकर संशय है, उन्हें इस नियम के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार चुनाव में भाग लेना चाहिए, जिससे ग्राम पंचायत का विकास होगा।
निकाय चुनाव भी दिसंबर में ही होने की संभावना
गौरतलब है कि उत्तराखंड में नवंबर दिसंबर माह में निकाय चुनाव कराने को लेकर भी शासन स्तर से लेकर निर्वाचन आयोग तक तैयारियां जोर शोरों से चल रही है। राज्य के 102 नगर निकायों में दिसंबर में ही चुनाव हो सकते हैं।
राज्य में कुल 105 नगर निकाय हैं इनमें से 102 नगर निकायों में ही चुनाव कराने की तैयारी है। तीन निकायों में चुनाव नहीं होते। नगर निकायों का कार्यकाल बीते साल दो दिसंबर को समाप्त हो चुका है। इसके बाद निकायों को छह माह के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इस अवधि में भी चुनाव न होने पर प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह बढ़ाया गया। बीती 30 अगस्त को शासन ने नए बोर्ड का गठन होने तक प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित कर दिया था।
इस बीच निकायों में ओबीसी आरक्षण निर्धारण से जुड़ा विषय विधानसभा की प्रवर समिति के हवाले है। समिति को 23 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है। दो नगर पालिकाओं के नगर निगम में उच्चीकृत होने के साथ ही नगर निगम देहरादून समेत आठ अन्य निकायों में दोबारा से परिसीमन कराया गया।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इन 11 निकायों में मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण के लिए 16 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया है। उत्तराखंड में 11 नगर निगम, 45 नगर पालिका परिषद, 49 नगर पंचायत हैं। तीन नगर पंचायतों बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते। इसके बाद नवंबर मध्य में राज्य के 105 में से 102 नगर निकायों में चुनाव कराने की तैयारी है। इसे लेकर कसरत चल रही है। तीन निकायों में चुनाव नहीं होते। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होने की संभावना भी दिख रही है।