ईओ ने झूठा आरोप लगाने पर प्रदीप भंडारी को भेजा मानहानि का नोटिस

मसूरी। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने उन पर 75 लाख के घोटाले का झूठा आरोप लगाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी को 25 लाख के मानहानि का कानूनी नोटिस दिया भेजा है। साथ ही एक सप्ताह में आरोपों का खण्डन नही करने व 15 दिन के भीतर जवाब नही आने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदीप भंडारी ने मीडिया में उनकी छवि को धूमिल करने की मंशा से उन पर 75 लाख के घोटाले का झूठा आरोप लगाया है। बिना सही जानकारी के मीडिया में झूठे आरोप लगानी समाज में उनकी छवि धूमिल हुई है। जिस कारण उन्होंने प्रदीप भंडारी को मानहानि का नोटिस भेजा है। उन्होंने बताया कि प्रदीप भंडारी द्वारा झडीपानी गौशाला निर्माण से संबंधित 75 लाख के घोटाले का आरोप लगाया जाना पूर्णतः मिथ्या है। क्योंकि जिस समय का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है, उस समय वे मसूरी नगर पालिका में कार्यरत नहीं थे। ईओ नैथानी ने बताया कि उन्होंने मसूरी नगर पालिका में 22 अगस्त 2022 को ज्वाइन किया, जबकि नगर पालिका बोर्ड ने उनके आने से पहले ही गौशाला निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था। जिसे बोर्ड ने शासन को भेजा व शासन ने 49 लाख 50 की धनराशि स्वीकृत की। जिसका ई टेंडर 17 अक्टूबर 2020 को हुआ। इसके बनने के बाद एक और ई टेंडर 16 अगस्त 2022 को गौशाला के बचे कार्य व उपर 10 कमरे बनाने का किया गया। दोनो टेंडर जब हुए तब तक उनकी पोस्टिंग नगर पालिका में ही नहीं हुई थी। इसके बावजूद प्रदीप भंडारी ने मुझ पर घोटाले का आरोप लगाया व मेरी छवि को धूमिल किया। जिस पर उन्हें 25 लाख की मानहानि का नोटिस दिया गया है जिसमें वह निर्धारित समयावधि में सार्वजनिक माफी मांगे। अन्यथा उन पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि गौशाला के उपर दस कमरे अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत बनाये जाने थे जिसमें से पांच आवंटित हो गये थे जिनकी बाकायदा निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इसी बीच एमडीडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की व पांच कमरे आवंटित नहीं किए गये। उन्होंने कहा कि इस स्पष्ट है कि प्रदीप भंडारी का उददेश्य उनकी छवि धूमिल करने का था। अगर वह समय से नोटिस का उत्तर नहीं देते तो आगे कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
वहीं प्रदीप भंडारी ने कहा कि उन्हें अभी नोटिस नहीं मिला है। लेकिन व्हाटसएप पर मिला है। यह उन पर दबाव बनाने के लिए किया गया है ताकि वे आगे की कार्रवाई न करे। लेकिन वह दबने वाले नहीं है, अगर उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया तो जांच हो जाने दें, उसके बाद मामला साफ हो जायेगा। वहीं कहा कि वह हर हाल में इस घोटाले की जांच करवा कर रहेंगे।