अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही पर्यटन नगरी मसूरी, जिम्मेदार कौन? एसडीएम ने की बैठक
मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी अव्यवस्थाओं को लेकर अपनी बदहाली पर आंसू बह रही है, लेकिन कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन करता नही दिख रहा है। आलम यह है कि संबंधित विभाग कबीना मंत्री गणेश जोशी के निर्देशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। अब शिकायतें मिलने के बाद एसडीएम ने भी अधिकारियों के साथ बैठक कर उनको समस्याओं के निदान करने की सख्त हिदायत दी हैं।
बढ़ती समस्याओं के लिए विभाग ही नहीं हम मसूरीवासी भी गैर जिम्मेदार
कहने को तो मसूरी पर्यटन नगरी है, लेकिन आज यहां पर बढ़ती समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन कहीं भी गंभीर नहीं है। विगत कुछ सालों में देखा जा रहा है कि पर्यटन सीजन से पहले शासन प्रशासन के स्तर पर कोई बैठक नही हो रही है, जिस कारण विभागीय अधिकारियों की संवेदनहीनता के चलते समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही है। कबीना मंत्री को भी बैठक करने का ध्यान तब आया जब पर्यटक सीजन अपने चरम पर है। जबकि पर्यटन सीजन के मद्देनजर बैठकें मार्च से ही शुरू हो जाती थी। स्थिति यह है कि यातायात व्यवस्था चौपट दिख रही है।
कहीं पानी की किल्लत तो कहीं सुबह के समय शहर में कई जगहों पर सीवर बहता दिख जाता है। हाल ये हैं कि 144 करोड की यमुना पेयजल योजना के चालू होने के बाद भी पानी की कमी से शहर जूझ रहा है। वहीं मालरोड सहित दर्जनों स्थानों पर सीवर बह रहा है। कछुवा गति से चल रहे एनएच के कार्य के कारण मसूरी की छवि धूमिल हो रही है। मॉल रोड पर प्रतिबंधित समय में वाहनों की धमाचौकड़ी से घूमने आए पर्यटक और स्थानीय लोग परेशान हैं। इसके लिए केवल बैरियर पर कार्यरत कर्मचारी ही जिम्मेदार नहीं, बल्कि नागरिक भी जिम्मेदार हैं। अधिकांश अपने रसूखदारी और पहुंच के चलते मॉल रोड पर प्रवेश कर लेते हैं। वे भूल जाते हैं कि ऐसा करके वे मॉल रोड की गरिमा को तार तार करने में अहम भूमिका निभा रहे होते हैं। वहीं बची खुची कसर नगर पालिका ने मॉल रोड पर रात्रि 10 बजे बाद टैक्सियों को भी प्रवेश देकर कर दी है। दोनो बैरियर को नोट छापने की मशीन बनाकर रख दिया है। जिम्मेदार अधिकारियो को समझना चाहिए उनके इस कार्य प्रणाली की वजह से मसूरी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बात कैमल बैक रोड की करें तो वहां पर स्थित होटलों के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण एकांत में सैर सपाटा करने के लिए मशहूर कैमल बैक रोड भी कहीं खो गया है। अब यहां सड़क किनारे वाहनों के पार्क होने के चलते पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। पोस्ट ऑफिस के समीप जहां यातायात व्यवस्था के लिहाज से डिस्पेंसरी हटाकर बॉटल नेक हटाया गया, वहां वाहन पार्क किए जा रहे हैं। पुलिस के आला अधिकारी कर्मचारी वहां से गुजरते हैं लेकिन उन्हें यह भी नहीं दिखता।
रही सही कसर टैक्सी स्कूटियों ने पूरी कर ली। मानकों को ताक पर रखकर जगह जगह सड़कों पर टैक्सी स्कूटियों की धमक है। जिस कारण यातायात सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। आरटीओ खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर इतिश्री कर लेता है। मॉल रोड भी मच्छी बाजार में तब्दील होता जा रहा है। बाहर से आए रेड़ी, पटरी, फेरी, भुट्टे वालों ने लाइब्रेरी से कुलड़ी तक पूरे मॉल रोड की सूरत ही बिगाड़ के रख दी है। कभी मॉल वाहक वाहन, टैंपो ट्रैवल बस स्टैंड से आगे प्रतिबंधित थे आज वे जहां मर्जी वहां जा पा रहे हैं। आरटीओ क्यों टैक्सी स्कूटियों को परमिट दे रहा है। क्यों नहीं उन टैक्सी स्कूटियों के लाइसेंस निरस्त करता है, जो नियमों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। पुलिस इन्हें मुख्य मार्गों से हटाती क्यों नहीं। कैमल बैक पर पार्क वाहनों के लिए पुलिस होटलियर्स पर क्यों कार्यवाही नही करती। क्या इस तरह हाथ पर हाथ धरे बैठकर व्यवस्थाएं खुद दुरुस्त हो जाएंगी। ऐसे अनेक कारण हैं जिसके लिए पुलिस विभाग और आरटीओ की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है।
उधर एमडीडीए की छत्रछाया में मसूरी लगातार कंक्रीट के जंगल में तब्दील होती जा रही है। छोटे निर्माणों पर जरूर एमडीडीए कार्रवाही करता दिख जायेगा, लेकिन बड़े बड़े व्यवसायिक भवनों पर वह भी मात्र चालान आदि की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर देता है। अधिकारियों की मिलीभगत के कारण पहाड़ों की रानी मसूरी कुरूप होती जा रही है। हालत यह है कि मसूरी और देहरादून के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर नही रह गया। इसके लिए वन विभाग भी कम दोषी नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि हर विभाग मसूरी की बदहाली में अव्वल आना चाहता हो। एमडीडीए से पूछा जाना चाहिए कि उसकी स्थापना के बाद से शहर में व्यावसायिक भवनों की बाढ़ क्यों आ गई। एमडीडीए क्या कर रहा था। यदि एमडीडीए के होते हुए मसूरी कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो गई है तो फिर इसका मसूरी में क्या काम है। ऐसा लगता है यह विभाग केवल स्थानीय लोगो को परेशान करने के लिए स्थापित हुआ था। एमडीडीए के मौन स्वीकृति के या यूं कहें बिना उगाही के व्यवसायिक भवन नही बने होंगे। एमडीडीए ने कितने अवैध व्यवसायिक भवन ध्वस्त या सील किए। ये सब सवाल शहर की फिजा में तैर रहे हैं और तैरते रहेंगे।
हम भी है जिम्मेदार
इन तमाम बढ़ती समस्याओं पर आम मसूरीवासी और जनप्रतिनिधि भी मौन हैं। यही वजह है कि बेलगाम हो चुके इन जिम्मेदार विभागों को भी जनसमस्याओं से फर्क नही पड़ता। यदि समय रहते इन समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन, संबंधित विभाग, जनप्रतिनिधि, और स्थानीय नागरिक संवेदनशील नहीं हुए तो वह दिन दूर नही जब यहां से पर्यटकों का मोह भंग हो जायेगा और मसूरी से लोग पलायन करने को मजबूर होने लगेंगे ।
एसडीएम डॉ0 दीपक सैनी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
अब इन सभी समस्याओं को लेकर एसडीएम डा. दीपक सैनी ने नगर पालिका कार्यालय में अधिकारियों से वार्ता की व समस्याओं के समाधान करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर पालिका, पेयजल निगम, व जल संस्थान के अधिकारी सम्मिलित रहे।
इन समस्त समस्याओं के निराकरण के लिए एसडीएम डा. सैनी ने संबंधित विभागों की बैठक में कड़े निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कि अंबेडकर चौक व लंढौर क्षेत्र में रोड किनारे अतिक्रमण पर पूर्व में भी अभियान चलाया गया था लेकिन अब फिर से अतिक्रमण हो गया है जिस पर पालिका को अभियान चला कर मालरोड से अवैध पटरी हटाने के निर्देश दिए गये हैं, ताकि पर्यटकों को परेशानी न हो। वहीं सीवर की समस्या के समाधान के लिए एसडीएम सैनी ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह पहले अपने सभी चैंबरों की सफाई करवायें ताकि समस्या का समाधान हो सके। इस पर जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत ने बताया कि चैबरों में बोतल, सीनेटरी नैपकिन आदि अनावश्यक सामग्री निकल रही है जिससे सीवर चोक हो रहा है। उन्होने कहा कि इसमें होटलों, रेस्टोरेंटो सहित घरों को भी किचन के वेस्ट को सीवर से न जोडने को कहा गया था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है जिससे सीवर चोक हो रहा है। ऐसे में जल संसथान को अभियान चलाने को कहा गया है ताकि होटल, रेस्टोरेंट व घर के किचन का वेस्ट को सीवर में न डालें। उन्होंने कहा कि सीजन होने पर ही सीवर चोक होने की समस्या आ रही है इसमें पर्यटकों के द्वारा भी नेपकिन व बोतले आदि सीवर में डाली जा रही है इसके लिए होटल वालों को निर्देशित किया जायेगा। एनएच पर टाइल बिछाने में धीमी गति पर एसडीएम ने कहा कि अभी गति तेज की गई है लेकिन सीजन होने व यात्रियों का दबाव होने के कारण समस्या आ रही है। इस पर एनएच के अधिकारियों को निर्देश दिए गये है कि बाकी कार्य शीघ्र पूरा किया जाय। वहीं लगातार रोड पर पानी का छिडकाव करने के निर्देश भी दिए गये। पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि पानी की समस्या पहले से बेहतर हुई है लेकिन टैंकर केवल उन्ही होटलों में जा रहे हैं जो बडे हैं। माल रोड पर प्रतिबंधित समय में दुपहिया व चार पहिया वाहनों को रोकने के लिए नगर पालिका व पुलिस को निर्देश दिए गये हैं। इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहा है ऐसे में मालरोड पर प्रतिबंधित समय में वाहनों को रोकने का प्रयास किया जायेगा।