रामपुर तिराहा कांड में दोषियों को सजा मिलने पर पूर्व विधायक गुनसोला ने खुशी व्यक्त की
मसूरी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान हुए रामपुर तिराहा कांड में दोषियों को सजा मिलने पर आंदोलनकारियों के साथ ही राज्य आंदोलनकारी व पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने हाईकोर्ट के निर्णय पर खुशी व्यक्त की व कहा कि देर से ही सही पर न्याय मिला है।
शहीद स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने कहा कि लंबे समय पर निर्णय आया व आंदोलनकारियों ने राहत की सांस ली। उन्होंने बताया कि खंटीमा गोली कांड, मसूरी गोली कांड व मुजफ्फरनगर कांड की रिटों को एक साथ लिया। मसूरी से उत्तराखंड संघर्ष समिति के अध्यक्ष रहे हुकम सिंह पंवार, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर थपलियाल व स्वयं मेरे द्वारा रिट डाली गई थी। उस समय आंदोलनकारियों के साथ बहुत ज्यादतियां की गई। मसूरी उत्तराखंड राज्य आंदोलन का केंद्र रहा व यहां पर स्कूलों सहित सभी सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों सहित आम जनता ने आंदोलन में पूरा सहयोग किया। व तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस की ज्यादती के खिलाफ रिट डाली। उन्होंने कहा कि मसूरी गोलीकांड के बाद जब मसूरी लौटे तो सुधीर थपलियाल के घर पर रिट तैयार की व तत्कालीन इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता एलपी नैथानी ने इस केस को दायर किया। उस समय घिल्डियाल जज थे। लेकिन 29 साल में कोर्ट ने राहत दिलायी व दो अभियुंक्तों को सजा दिलायी। इससे उन आंदोलनकारियों जिन्होंने शहादत दी उनकी आत्मा को शांति मिलेगी व उन परिवारों को न्याय मिला। उन्होंने बताया कि मसूरी कांड के बाद जेल से छूटने के बाद मसूरी व खटीमा कांड पर याचिका डाली थी। उसके बाद मुजफ्फरकांड व अन्य घटनाओं पर याचिकाएं डाली गई जिसे कोर्ट ने आपस में जोड़ दिया। उस समय वकालत नामें पर सुधीर थपलियाल, जोत सिंह गुनसोला व हुकम सिंह पंवार से हस्ताक्षर किए थे हालाकि तब डीआर कपूर, कलम सिंह रावत सहित अन्य आंदोलनकारी भी साथ थे। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल भी मौजूद रहे।