October 15, 2024

हरिद्वार: उत्तराखण्ड राज्य सीटू की दो दिवसीय सांगठनिक कार्यशाला सम्पन्न

हरिद्वार। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के राष्ट्रीय सचिव कामरेड कश्मीर सिंह व कामरेड के.एन.उमेश के प्रशिक्षण में उत्तराखण्ड राज्य सीटू की दो दिवसीय सांगठनिक कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला मे मुख्यतः पांच विषयों पर चर्चा हुई व सीटू को मजबूती प्रदान करने के संकल्प लिया गया।

उत्तराखण्ड राज्य सीटू की दो दिवसीय सांगठनिक कार्यशाला में विभिन्न स्तरों पर कमेटियों एवं यूनियनों की कार्य प्रणाली को लेकर उत्तराखंड सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष कामरेड राजेन्द्र सिंह नेगी प्रस्तुतिकरण दिया। वहीं संगठन के विस्तार व सुदृढ़ीकरण पर प्रांतीय महामंत्री महेंद्र जखमोला ने प्रस्तुतिकरण पेश किया। समन्वय समितियों के गठन के महत्व पर कामरेड मदन मिश्रा ने प्रस्तुतिकरण दिया। वहीं कैडर विकास शिक्षण -प्रशिक्षण पर कॉमरेड पी.ड़ी.बलूनी ने प्रस्तुतिकरण किया तथा पाँचवे व अंतिम विषय सदस्यता वार्षिक रिटर्न्स फण्ड वितीय अनुशासन पर प्रांतीय सचिव लेखराज ने प्रस्तुतिकरण किया। पांचों विषयो पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी तथा प्रतिनिधियों द्वारा विचार रखते हुए अपने अनुभवों को प्रस्तुत किया गया ।

इस अवसर पर सीटू उत्तराखण्ड के प्रभारी कॉमरेड कश्मीर सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सीटू के अखिल भारतीय सम्मेलन में दिशा निर्देशों के अनुसार सीटू के कैडर को वैचारिक व सांगठनिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक प्रांत में कार्यशाला आयोजित की जाएंगे। यह कार्यशाला भी उसी परिप्रेक्ष में आयोजित की गयी है । उन्होंने कहा कि जब तक निचले लेवल पर कार्यकर्ताओं को वैचारिक रूप से मजबूत नहीं किया जाता है, तब तक मजदूर वर्ग के संघर्ष को आगे बढ़ाना या मजबूत करना कोरी कल्पना होगी। उन्होंने कहा कि यदि सीटू मजबूत होता है तो निश्चित तौर से मजदूरों का आंदोलन भी मजबूत होगा। कॉमरेड कश्मीर सिंह ने कहा कि ऊपर से लेकर नीचे तक कमेटीयों को मजबूत किया जाएगा व सीटू की सदस्यता को बढ़ाते हुए जिन स्थानों पर हम नहीं पहुंच पाए हैं वहां पर पहुंचने की कोशिश की जाएगी। और जहां पर हमारी उपस्थिति हैं वहां उन्हें और मजबूत किया जाएगा।

इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव के एन. उमेश ने कहा कि सीटू एक वर्गीय संगठन है, जो की मजदूर वर्ग को शोषण विहीन समाज की स्थापना के लिए तैयार करती है। वाहन कहा कि सीटू देश मे तमाम सेंटर ट्रेड यूनियन को एकजुट कर मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट कर रहा है व सरकार के मजदूर विरोधी कदमों को आगे बढ़ने से रोक रहा है। किंतु मजदूर वर्ग राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं होता है और 2024 के आम चुनाव में मजदूर विरोधी मोदी सरकार को सत्ता में आने से नहीं रोकता है तो आने वाले समय में श्रम संहिताएं लागू की जाएंगी और मजदूर वर्ग को गुलामी के दलदल में धकेल दिया जाएगा।

कार्यशाला का संचालन प्रांतीय महामंत्री कामरेड महेंद्र जखमोला ने किया व प्रांतीय अध्यक्ष कामरेड राजेंद्र सिंह नेगी ने अध्यक्षता की।

दो दिन के चली इस कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण सुझाव आए व उन पर अमल करने के लिए राज्य कमेटी की बैठक भी की गई जिसमें कई सुझावों को शामिल कर आगे की रणनीति तय की गई है। इस अवसर पर रेलवे के निजीकरण व बिजली बिल 2022 के खिलाफ मजदूर वर्ग व आम जनता के बीच जन जागरण अभियान चलाकर 26,27,28 नवंबर को राज्यों की राजधानी में महा पड़ाव आयोजित किए जाएंगे। इससे पूर्व रेलवे के निजीकरण व बिजली के निजीकरण के खिलाफ 3 नवंबर को रेलवे स्टेशनों व बिजली विभाग के कार्यालयो पर जिला स्तरीय प्रदर्शन भी किए जाएंगे। इससे पूर्व पर्चा पोस्ट आम जनता के बीच में अभियान चलाकर बांटा जाएगा तथा मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी वह आम जनता विरोधी नीतियों को उजागर कर जनता को आंदोलन में उतारा जाएगा।

कार्यशाला का संचालन प्रांतीय महामंत्री कामरेड महेंद्र जखमोला ने किया व प्रांतीय अध्यक्ष कामरेड राजेंद्र सिंह नेगी ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर प्रदेश के देहरादून हरिद्वार चमोली टिहरी पौड़ी आदि जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की कर सुझाव प्रस्तुत किये गए।

About Author

Please share us

Today’s Breaking