Mussoorie Update: वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों, राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने दी श्रद्धांजलि
मसूरी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच मसूरी के तत्वाधान में शहीद स्थल पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके जीवन व राज्य आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी पर प्रकाश डाला।
शहीद स्थल पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच मसूरी के तत्वाधान में राज्य आंदोलन की अग्रणी नेता व प्रखर वक्ता सुशीला बलूनी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां पर शहर के विभिन्न राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों ने उनके चित्र पर पुष्प् अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए राज्य आंदोलनकारी प्रदीप भंडारी ने कहा कि राज्य निर्माण में मातृशक्ति का सबसे बड़ा योगदान रहा और जिसमें सुशीला बलूनी मातृशक्ति की ध्वजवाहक थी। उनका पूरा जीवन संघर्ष में गुजरा है तथा 84 साल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका कहना था कि राज्य का निर्माण जो उददेश्य था उससे कहीं भटक गये है। जिस राज्य के लिए कुर्बानी दी वह कहीं दूर तक नजर नहीं आता व लक्ष्य कहीं छूट गया है। उत्तराखंड राज्य को शहीदों के सपनों का राज्य बनाना उनको सच्ची श्रद्धाजलि होगी।
पूर्व डीआईजी एसपी चमोली ने कहा कि सुशीला बलूनी राज्य आंदोलन की आधारशिला रही। सुशीला बलूनी मेरी मौसी की लड़की थी तथा साथ में राजगढ़ी में पढाई की व कालसी में अशोक आश्रम में जाकर प्रेरणा लेकर यमुना घाटी में शिक्षा के लिए आंदोलन किया। राज्य आंदोलन में उन्होंने महिलाओं को जागृत किया व मसूरी आकर भी राज्य निर्माण के आंदोलन में भागीदारी दी। श्रद्धाजलि सभा में जय प्रकाश उत्तराखंडी, मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल, व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने भी सुशीला बलूनी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया व राज्य आंदोलन में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
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इस मौके पर मंच के महामंत्री पूरण जुयाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता, मेघ सिंह कंडारी, आरपी बडोनी, मनोज सैली, जगजीत कुकरेजा, राजीव अग्रवाल, भरत कुमाई, प्रमिला नेगी, राजेश्वरी नेगी, कमलेश भंडारी, रीता खुल्लर, कमल भंडारी, पुष्पा पुडीर, एजाज अंसारी, बीना गुनसोला, अनिल गोयल, सहित बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।