सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार के अभाव में अल्पसंख्यकों को नही मिल पा रहा लाभ: नरेंद्र कुमार जैन
मसूरी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने नगर पालिका सभागार में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना।
नगर पालिका सभागार में आयोजित बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि देश के संविधान ने अल्पसंख्यकों को अधिकार दिया है कि वह अपनी पंसद के शैक्षणिक संस्थान खोल सके। उन्होने कहा कि एक अकेला अल्पसंख्यक भी बिना किसी सोसायटी, ट्रस्ट या संस्था के शैक्षणिक संस्थान खोलने का अधिकार रखता है यहां तक कि वह विश्वविद्यालय भी खोल सकता है, इतना बडा अधिकार संविधान ने दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने छह अल्पसंख्यक समुदाय को केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग में मान्यता दी है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौध, पारसी व सिक्ख है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को केवल शैक्षणिक संस्थान खोलने का अधिकार दिया है बाकी कोई अधिकार नहीं है। यहां तक कि नगर पालिका में अल्पसंख्यकों के लिए कोई आरक्षित सीट नहीं है और न ही विधान सभा व संसद में है। लेकिन अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। लेकिन उनका प्रचार प्रसार न होने से उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए जागरूता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले में एक अधिकारी अल्पसंख्यकों के लिए नियुक्त है उनका दायित्व है कि वह समय समय पर बैठक बुलाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी दे ताकि उसका लाभ अल्पसंख्यकों को मिल सके। यहां तक कि भारतीय रिजर्व बैक का सर्कुलर है कि हर बैंक में अल्पसंख्यकों के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे जो अल्पसंख्यकों को बैंक संबधी योजनाओं में सहायता करे। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष के सचिव मनोज केजरीवाल, मौ, इस्लाम अंसारी, अयूब साबरी, जाहिद अहमद, राशिद खान, एजाज अंसारी, मंजूर अहमद, राजेश सक्सेना, राजेश आदि मौजूद रहे।