मसूरी में आयोजित तीन दिवसीय एशियन एस्ट्रो मीट 2022 में ज्योतिष में हो रहे शोध पर होगी चर्चा

मसूरी। फरीदाबाद ज्योतिष संघ के तत्वााधन में तीन दिवसीय एशियन एस्ट्रो मीट 2022 हवन पूजन के साथ शुरू हो गया जिसमें देश विदेश से आये विभिन्न विधाओं के ज्योतिष अपनी विधाओं के बारे में जानकारी देंगे व उसके साथ ही ज्योतिष में हो रहे शोध पर चर्चा करेंगे।
लाइब्रेरी स्थित एक होटल में आयोजित एशियन ज्योतिष मीट का शुभांरंभ मुख्य पुजारी प. कैलाश रतूड़ी द्वारा हवन पूजन करने के साथ शुरू किया गया। इस मौके पर सम्मेलन के आयोजक फरीदाबाद ज्योतिष संघ के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य गिरधारी ग्रोवर ने बताया कि एस्ट्रो मीट में देश विदेश के सौ से अधिक विभिन्न विधाओं के ज्योतिष आये हैं, जो अपनी विधा की प्रस्तुति देंगे व इस पर चर्चा की जायेगी। उन्होंने कहा कि ज्योतिष के बारे में कई तरह की भ्रांतियां समाज में फैली हैं, जबकि ज्योतिष का हर मनुष्य व उनके कार्य पर ग्रहों का प्रभाव रहता है उसे नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में भारत के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर भारत सहित बांग्ला देश, श्रीलंका, नेपाल आदि देशों के ज्योतिष भी प्रतिभाग कर रहे हैं। तीन दिनों तक यहां पर ज्योतिष पर मंथन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर वैदिक ज्योतिष, लाल किताब, वास्तु, कर्मकांड, नाड़ी व तंत्र विद्या के ज्योतिष आये हैं जो हर समस्या का समाधान करेंगे कि अगर किसी को बीमारी है तो उसे तंत्र मंत्र से दूर कर सकते हैं, हर तरह की समस्या के समाधान होते हैं, जो कहता है कि ठीक नहीं हो सकता तो उन्हे चुनौती देते हैं। इस मौके पर इस मौके पर फरीदाबाद ज्योति संघ के अध्यक्ष सुनील सचदेवा ने बताया कि ज्योतिष जगत में कई तरह ही भ्रांतियां फैली है कि शनि राहु, केतु पापी ग्रह है जबकि मेरा अनुभव कहता है कि आज का जगत शनि राहु व केतु से ही चलता है। शनि के उपाय किए जाते हैं लेकिन शनि पापी ग्रह नहीं बल्कि बिना शनि के कुछ नहीं हो सकता। क्योकि शनि व चंद्रमा एक साथ चलते हैं तो यह गलत कैसे है। बिना शनि व चंद्रमा के इशारे के कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि इस सम्मेलन में इन भ्रातिंयों को दूर करेंगे, व सभी विद्वान ज्योतिष अपने अनुभवों को साझा करेंगे।