मसूरी। मसूरी-देहरादून मार्ग पर जिलाधिकारी सोनिका सिंह के निर्देश पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण के खिलाफ जेसीबी दूसरे दिन भी जमकर गरजी। इस दौरान कई अवैध निर्माण ध्वस्त किए। वहीं विरोध में पानी वाले बैंड पर स्थानीय लोगों ने करीब लगभग दो घंटे तक जाम लगाकर रखा। जिस कारण रोड के दोनों ओर कई किमी तक वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इस दौरान मसूरी देहरादून के लिए आने जाने वाले लोग जाम में फंसे रहे।
जिला प्रशासन ने मसूरी-देहरादून मार्ग पर दूसरे दिन भी अतिक्रमण व अवैध निर्माण के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए एमडीडीए, वन विभाग, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग व पालिका के सहयोग से अतिक्रमण व अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। इससे पूर्व एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल जैसे ही पुलिस फोर्स के साथ पानी वाले बैंड पर पहुंचे, वैसे ही स्थानीय लोगों के साथ वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों ने सडक जाम कर विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम लगने के कारण पानी वाले बैंड से कुठाल गेट व मसूरी की ओर कोल्हूखेत तक जाम लग गया। इस दौरान देहरादून मसूरी आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद एडीएम एसके बर्निवाल मौके पर आये व स्थानीय जनप्रतिधियों से वार्ता की व उसके बाद जाम खोला गया।
उधर दूसरी टीम ने एसडीएम मसूरी शैलेंद्र नेगी के नेतृत्व में मसूरी झील से किंक्रेग तक अभियान चलाया गया हालांकि इस दौरान ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसे ध्वस्त किया जा सके।
एसडीएम सदर ने कहा कि मसूरी से देहरादून मार्ग पर कई मंजिला अवैध निर्माण किए गये हैं, जिसे एमडीडीए ने नोटिस दिए थे, लेकिन उसके बाद भी ये निर्माण किये गये हैं। जिसके बाद अब एमडीडीए ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर पहले पक्के निर्माण हटाये जा रहे हैं, जिनके कारण मसूरी मार्ग बदनाम हो रहा था। बार बार शिकायतें मिल रही थी कि यहां पर अवैध गतिविधियां चल रही है। वहीं जो स्थानीय लोग है तथा रोजगार करने के साथ वहीं निवास कर रहे हैं उनके बारे में उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता चल रही है। उन्होंने बताया कि पानी वाले बैंड से कुठाल गेट तक 73 अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गये हैं जिन्हें तोड़ा जाना है।
मौके पर मौजूद जिलापंचायत सदस्य दीपक पुंडीर ने कहा कि प्रशासन एक तरफा कार्रवाई कर रहा है जिस पर मंत्री गणेश जोशी को फोन किया गया व उन्होंने जिलाधिकारी से वार्ता की व उसके बाद तय किया गया कि स्थानीय लोगों को परेशान न किया जाय। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता राकेश रावत ने कहा कि उत्तराखंड नया राज्य बना है जहां यहां के युवा स्वरोजगार की ओर जा रहे हैं, सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है अगर इस तरह एक तरफा कार्रवाई की गई तो चार सौ परिवार के रोजी रोटी प्रभावित होगी। वहीं कहा कि इसकी आड़ में गलत कार्य नहीं होने देंगे अगर पता लगेगा तो तोड़ने में सहयोग किया जायेगा। वार्ता के बाद तय किया गया कि स्थानीय लोगों को परेशान नहीं करने दिया जायेगा।
इस मौके पर एसडीएम मसूरी शैलेंद्र नेगी, सीओ नीरज सेमवाल, कोतवाल डीएस कोहली, सहित एमडीडीए, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों सहित स्थानील लोग भी मौजूद रहे।