तबियत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाते समय जाम में फंसने से पर्यटक की मौत, घटना से सबक ले प्रशासन

फोटो प्रतीतात्मक
मसूूरी। दिल्ली निवासी एक पर्यटक की अचानक तबियत खराब होने पर अस्पताल ले जाते समय जाम में फंसने के कारण मौत हो गई, जिससे उनके परिवार में मातम छा गया। पर्यटक अपने परिवार के साथ 5 जून को मसूरी घुमने आये थे।
पर्यटक के भतीजे अर्जुन कपूर ने बताया के अनुसार वह 5 जून को दिल्ली से मसूरी घूमने आये व मोती लाल नेहरू मार्ग पर एक अपार्टमेंट में रूके हुए थे। मौसम खराब होने व बारिश के चलते उनके चाचा कमल किशोर टंडन उम्र 62 वर्ष की अचानक तबियत बिगड़ गयी। पता करने पर लोगों ने बताया कि यहां पर केवल लंढौर कम्युनिटी अस्पताल है, उन्हें तत्काल वहां ले जाया जाय। पहले तो 108 को फोन किया, लेकिन देहराूदन से आने में उसे करीब एक घंटा लगना था, जिस पर उन्होंने खुद वाहन की व्यवस्था की व उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए मोतीलाल नेहरू मार्ग से लाया गया,लेकिन इस रोड पर टैंपो ट्रैवलर कि वजह से बहुत जाम लगा था। बारिश में स्थानीय निवासी अनु गर्ग, सहित पुलिस को जाम खुलवाते हुए पौना घंटा लग गया। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो बहुत देर हो चुकी थी, जिससे उनकी रास्ते में ही मौत हो गयी। घटा के बाद उनके परिवार में घूमने के बजाय मातम पसर गया। उन्हें रात को ही एम्सेबुलेंस से दिल्ली रवाना किया गया है।
अर्जुन ने कहा कि उनके साथ जो घटना घटी उससे प्रशासन व पर्यटन विभाग को सबक लेना चाहिए, ताकि ऐसी घटना किसी के साथ न हो। उन्होंने कहा कि प्रशासन व पुलिस को टेंपो ट्रैवलर को एलाउड नहीं करना चाहिए, उन्हें किंग्क्रेग से उपर नही आने देना चाहिए। वहीं उन्होने प्रशासन व सरकार से अनुरोध किया कि पर्यटन विभाग को विज्ञापन जारी कर लोकल अस्पताल, लोकल एंबुलेंस, व यहां पर मेडिकल की सुविधाओं के बारे में जानकारी देनी चाहिए, ताकि लोगों को पता चल सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए हर होटल में मेडिकल किट होनी चाहिए जिसमें खास कर हार्ट अटैक में फस्टएड कैसे किया जाय। ताकि अनजान शहर में आ रहे पर्यटकों के साथ ऐसी घटना होने पर उन्हें तत्काल उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनका जाम खुलवाने में बड़ा सहयोग किया। उन्होंने कहा कि किसी अन्य के साथ ऐसी घटना न घटे इसके लिए प्रशासन, पुलिस व पर्यटन विभाग मेडिकल सुविधाओं के बारे में विशेष ध्यान रखन चाहिए। उन्होंने कहा कि मालरोड पर जो पेंटिग आदि बनायी जा रही है उसके बजाय मेडिकल फेसिलिटी के बारे प्रचार किया जाय, जागरूकता फैलायें। उन्होंने कहा कि उनका परिवार पांच से छह दिन के लिए आये थे व अब एक दिन में मातम के साथ वापस जा रहे हैं।