भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्य धारा हिमवीरों 36 अधिकारी प्रशिक्षण उपरांत शामिल हुए

मसूरी। आईटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य परेड व शपथ ग्रहण समारोह में छह माह के कठिन प्रशिक्षण के बाद 36 युवा अधिकारी बल की मुख्यधारा हिमवीरों में शामिल हो गये। जिसमें 4 महिलाओं सहित 8 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, एक उप सेनानी व 27 सहायक सेनानी जीडी शामिल थे।
दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपर महानिदेशक आईटीबीपी पश्चिमी कमांड संजय कुमार चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया व बल के ब्रास बैड के साथ परेड सलामी ली। इस मौके पर एडीजी संजय कुमार चौधरी ने बल की मुख्यधारा में शामिल होने वाले सभी नव सैन्य अधिकारियों को बधाई दी व कहा कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल का इतिहास गौरवशाली रहा है, जिसे आगे भी इसी तरह बनाये रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि नये अधिकारियों से बहुत अपेक्षाएं है, व उम्मीद है कि प्रशिक्षण के दौरान मिली सीख से वे चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारी बल की पुरानी परंपराओं के निर्वहन के साथ साथ बल में नये विचारों का भी समावेश करे। एडीजी ने कहा कि उन्होंने भी मसूरी के इसी परेड मैदान से कैरियर की शुरूआत की थी व आज एडीजी पद पर हूं, जिससे गौरव का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपना मानसिक स्वास्थ्य व शारिरीक स्वास्थ्य देश व समाज हित व संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने के लिए मजबूत रखना होगा।
इस मौके पर अकादमी के निदेशक व महानिरीक्षक गिरीश चद्र उपाध्याय ने दीक्षांत समारोह में आये सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में शामिल सभी अधिकारियों ने कठिन प्रशिक्षण लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। आज का दिन नव सैन्य अधिकारियों व उनके परिजनों के लिए विशेष है जब वे अधिकारी बन कर अपने दायित्वों का निर्वहन करने को तैयार हो गये है। इन सभी को बल के प्रशिक्षकों ने सभी प्रकार का प्रशिक्षण देकर तैयार किया व सभी ने गहरी रूचि लेकर प्रशिक्षण लिया। वहीं महिला अधिकारियों ने भी सभी के साथ प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी चुनौतियों का सामना करने को तैयार है व अपने कार्यक्षेत्र में हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
इस मौके पर उप निदेशक उपमहानिरीक्षक राजेश शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इसके बाद सभी अधिकारियों को अपर महानिदेशक व बल में शामिल नव सैन्य अधिकारियों के परिजनों ने कंधे पर सितारे लगाये।
कार्यक्रम में बल के जवानों ने कराटे, मार्शल आर्ट सहित जलते रिंग के अंदर से छलाग लगाना, कांच व लकड़ी तोड़ना, सरिया मोडना, जंप, टयूब लाइट शरीर पर तोड़ना, लोहे की कीलों पर लेट घन से पत्थर तोड़ना, बर्फ की सिल्ली व टाइल तोड़ना आदि अनेक हैरतअंगेज कारनामे दिखा कर सभी को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर किया। वहीं ब्रास बैंड व पाइप बैड की मधुर धुनों ने भी सभी को रोमांचित किया।
इस मौके पर पदमश्री कन्हैया लाल पोखरियाल, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी व उप निदेशक अकादमी निशित चंदा्र, डा. रवि सेठ, जीजू एस, पूर्व आईजी पीएस डंगवाल, पूर्व आईजी बीएसएफ मनोरंजन त्रिपाठी, पूर्व डीआईजी एसपी चमोली, नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, जेएस तडिंयाल सहित बल के अधिकारी व अभिभावक मौजूद रहे।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु सम्मानित
इस मौके पर प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया गया जिसमें सहायक सेनानी राहुल कुमार यादव को गृहमंत्री सोर्ड ऑफ ऑफ ऑनर फॉर बेस्ट ऑल राउंड एवं डायरेक्टर जनरल कप बैस्ट आउंटडोर प्रशिक्षु का पुरस्कार दिया गया। वहीं सहायक सेनानी विकास नेगी को डायरेक्टर अकादी कप बैस्ट स्पोर्टस पर्सन प्रशिक्षु, सहायक सेनानी तरूण को इंसपेक्टर जनरल कप बैस्ट इनडोर प्रशिक्षु, व सहायक सेनानी अजय सिंह को कमांडेंट कंबेट विंग बेस्ट मार्क्स मैन प्रशिक्षु सहित सहायक सेनानी चिकित्साधिकारी डा. एलन सेबेस्टियन को ऑल राउंड बेस्ट प्रशिक्षु का पुरस्कार दिया गया।
इन प्रदेशों के प्रशिक्षु अधिकारी हुए शामिल
मुख्य धारा हिमवीरों में शामिल 36 अधिकारियों में से हरियाणा से 7, उत्तर प्रदेश से 6, केरल से 4, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली से 3-3, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु व मणिपुर से 2-2, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक व लददाख से 1-1 प्रशिक्षणार्थी शामिल थे।
प्रशिक्षु अधिकारियों को दिया पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोंमा
दीक्षांत परेड समाप्त होने के बाद प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा विश्व विद्यालय गांधी नगर गुजरात के द्वारा स्टेटजिक मैनेजमेंट एडं सेक्यूरिटी एडमिनिशट्रेशन विशय पर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा उत्तीर्ण करने पर प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि एडीजी संजय कुमार यादव ने सहायक प्रोफेसर राश्ट्रीय रक्षा विश्व विद्यालय गांधी नगर गुजरात की मौजूदगी में दिए गये। वहीं इस मौके पर मुख्य अतिथि ने अकादमी के पत्रिका ई अमोघ का लोकार्पण भी किया।
बता दें भारत तिब्बत सीमा पुलिस 9000 से 18750 फीट की ऊंचाई पर स्थित अग्रिम चौकियों से सीमा की सुरक्षा करता है। जहाँ तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इन अग्रिम चौकियों पर अत्यन्त चुनौती पूर्ण भौगोलिक वातावरण रहता है, यहाँ तैनात अधिकारियों से, असाधारण धैर्य, त्याग और साहस की मांग करता है। बल में चिकित्सा अधिकारियों की भुमिका भी महत्वपूर्ण है। चिकित्सा अधिकारियों का मुख्य कार्य अपने सहकमियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ-साथ,सीमावर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय नागरिकों को चिकित्सा सुविधाएँ उपल्ध कराना है।