संविदा व दैनिक कर्मचारियों ने पालिका प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन, विभिन्न संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने दिया समर्थन
मसूरी। नगर पालिका में कार्यरत दैनिक वेतन, संविदा व आउटसोर्स से लगे कर्मियों के स्थान पर ठेके पर कर्मचारियों को रखने की निविदा का पता लगने पर नगर पालिका कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगियो व आउटसोर्स कर्मियों ने जोरदार विरोध किया व टेंडर निरस्त करने की मांग को लेकर पालिका प्रांगण में प्रदर्शन किया।
शासन से ठेके पर कर्मचारी रखने की निविदा आमंत्रित करने से नगर पालिका में कार्यरत दैनिक भोगियों, संविदा व आउटसोर्स के तहत लंबे समय से सेवा दे रहे कर्मियों पर सेवा समाप्त होने की तलवार लटक गई व इसका पता लगने पर कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया व जब तक निविदा समाप्त नही की जाती आंदोलन करने का निर्णय लिया। नगर पालिका प्रांगण में नगर पालिका कर्मियों, दैनिक वेतन भोगियो व आउटसोर्स से लगे कर्मचारियों के आंदोलन को पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, अनुज गुप्ता, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता, सीटू के शहर अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान सहित अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया व निविदा को तत्काल वापस लेने की मांग की वहीं चेतावनी दी कि यदि विगत 15 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत कर्मियों को हटाया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।
इस मौके पर नगर पालिका कर्मचारी महासंघ के महामंत्री चंद्रप्रकाश बडोनी ने कहा कि यह अत्यंत खेद का विषय है कि जो कर्मचारी विगत 15 वर्षों से नगर पालिका में दैनिक वेतन भोगी, संविदा व आउटसोर्स से कार्य कर रहे है उससे उनकी रोजी रोटी छीनी जा रही है। ये कर्मचारी इस आशय से कार्य कर रहे थे कि भविष्य में उनका चयन नियमित कर्मचारी के रूप में हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर निविदा को निरस्त नहीं किया गया तो नगर पालिका कर्मचारी संघ पुरजोर विरोध करेगा व आंदोलन चलायेगा।
इस मौके पर सफाई कर्मचारी नेता कृष्ण गोदियाल ने कहा कि लंबे समय से कार्य कर रहे कर्मियों को किसी भी हालात में ठेके पर देने का विरोध किया जायेगा इसके लिए चाहे जेल जाना पडेगा जायेगे, वहीं कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
अखिल भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र ने कहा कि अगर इन कर्मचारियों के साथ अन्याय किया गया तो आंदोलन किया जायेगा, जेल भरो आंदोलन के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था ठप्प कर दी जायेगी।
वहीं दूसरी ओर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, अनुज गुप्ता ने भी दैनिक व संविदा कर्मियों को समर्थन देते हुए कहा कि इनका किसी भी हालत में अहित नहीं होने दिया जायेगा व अगर इनके साथ अन्याय किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।
वहीं व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने पालिका प्रांगण में धरना दिया व कड़े शब्दों में प्रशासन के इस निर्णय का विरोध किया व कहा कि संविदा, दैनिक व आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरा समर्थन दिया जायेगा व आंदोलन किया जायेगा।
इस संबंध में नगर पालिका कर्मचारी संघ ने प्रशासक नगर पालिका व अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देकर नगर पालिका मसूरी में ठेके के आधार पर कर्मियों को लेने के लिए ई निविदा का कड़ा विरोध किया व कहा कि जिन कर्मियों ने विगत 15 वर्षों से शहर की सेवा की है उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा वहीं मांग करते है कि इस निविदा को तत्काल निरस्त किया जाय अन्यथा नगर पालिका कर्मचारी संघ इसके विरोध में कार्य बहिष्कार करेगा व समस्त व्यवस्थाओं को ठप्प कर देंगे।
वहीं सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के नगर अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान ने भी संविदा, दैनिक व आउटसोर्स कर्मचारियों को समर्थन दिया व कहा कि सीटू संविदा कर्मियों की इस लड़ाई में उनके साथ है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार निजी आउटसोर्स कंपनियों को लाभ पहुचाने के लिए संविदा कर्मियों को हटाना चाहती है, जिसे सफल नहीं होने दिया जायेगा। वहीं प्रशासन व पालिका को चेतावनी दी कि कर्मचारियों को हटाने का षड्यंत्र किया गया, तो सीटू सड़कों पर उतरेगी।
बड़ा दें हाल में उत्तराखंड सरकार के सचिव नितेश झा के शहरी विकास विभाग को आदेश दिए हैं कि पुनर्गठित ढांचा 2015 के तहत स्वीकृत पदों के इतर स्थानीय निकायों में कार्यरत दैनिक, संविदा व आउटसोर्स से लगाये गये कर्मियों की सेवा तत्काल समाप्त किया जाये।
इस मौके पर पूर्व सभासद जसबीर कौर, सुशील अग्रवाल, दर्शन रावत, व्यापार संघ के महामंत्री जगजीत कुकरेजा, राजीव अग्रवाल, पालिका कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष महावीर राणा, सहित विभिन्न संस्थाओं ने पालिका में कार्यरत संविदा, दैनिक व आउटसोर्स कर्मियों का समर्थन किया है।
कर्मचारियों के भारी विरोध के बाद टेंडर निरस्त
वहीं कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के बाद नगर पालिका अधिशासी अधिकारी तनवीर सिंह मारवाह प्रदर्शनकारियो के बीच पहुंचे और नगर पालिका सभागार में टेंडर को लेकर स्पष्टीकरण दिया। इससे पहले जनप्रतिनिधियों व मजदूर संगठनों ने पालिका की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की व कहा कि जो कर्मी 15 वर्षों से भी अधिक समय से संविदा, दैनिक भोगी व आउटसोर्स के तहत शहर की सेवा कर रहे कर्मियों को हटा कर ठेका प्रथा के तहत निविदा निकाल कर नई भर्ती करना अन्याय है
इस पर अधिशासी अधिकारी मारवाह ने कहा कि यह टेंडर आउट सोर्सिग कर्मचारियों के हित को देखते हुए निकाला गया था, इसका संविदा और दैनिक कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी नगर पालिकाओं में मेन पावर के लिए आउटसोर्स एजेंसी का चयन किया जा रहा है। यह टेंडर भी उसी के मद्देनजर था, जिसके तहत पर्यावरण मित्र व बहुउददेशीय कर्मचारी रखे जाते है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कुछ कीन के माध्यम से रखे जाते थे लेकिन वे वेतन नहीं दे पाते थे, इसके कारण टेडर निकाला गया था, ताकि उनको अच्छा वेतन मिल सके। उन्होंने कहा कि जो पूर्व में संविदा के कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है वह जस के तस रहेंगे। लेकिन यदि कर्मचारी इस टेंडर का विरोध कर रहे हैं तो वह इसको निरस्त कर रहे है व इस टेडर को दुबारा पुनर्विचार कर फिर निकाला जायेगा। कर्मचारियों को भ्रम हुआ है लेकिन अब उन्हें लिखित में दिया गया है कि पूर्व में कार्यरत किसी भी दैनिक व संविदा कर्मी को नहीं निकाला जाएगा। इसके बाद कर्मचारी मान गए हैं।