NDRF, ITBP व अन्य विभागों ने रोपवे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल आपदा तैयारियों को परखा
मसूरी। मॉल रोड स्थित रोपवे पर आपदा से जुडे़ विभिन्न विभागों ने मॉक ड्रिल कर अपनी आपदा तैयारियों को परखा। इस दौरान रोपवे खराब होने पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए साहसिक प्रदर्शन किया गया। ताकि जरूरत पड़ने पर आपदा से जुड़े विभाग तत्काल बचाव व राहत कार्य चला सकें व जान माल की हानि होने से बचा जा सकें। इस दौरान लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया।
मालरोड स्थित रोपवे में आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, फायर सर्विस, नगर पालिका, नगर प्रशासन, जल निगम चिकित्सा विभाग आदि की टीमों ने संयुक्त रूप से आपदा बचाव व राहत कार्य का मॉक ड्रिल किया। जिसमें रोपवे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।
इस मौके पर नायब तहसीलदार कमल राठौर ने बताया कि रोपवे पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है लेकिन इसमें सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है, ऐसे अगर कभी ऐसी कोई आपात स्थिति आती है व रोपवे बीच में रूक जाता है तो रोपवे में बैठे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास मॉक ड्रिल के माध्यम ये किया गया। रोपवे की सुरक्षा की दृष्टि से यह अभ्यास किया गया। इसके लिए सभी को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सिविल पुलिस, फायर विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग ने सहयोग किया ताकि कभी दुर्घटना होने की चूक न हो सके अगर हो तो पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा सके।
इस मौके पर एनडीआरएफ 15वीं बटालियन के सहायक सेनानी अजय पंत ने बताया कि रोपवे कभी रूक जाती है ऐसी विषप परिस्थिति से बचाव करने का प्रशिक्षण किया गया। जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, फायर, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से अभ्यास किया। जिसमें सभी ने आपसी तालमेल से कार्य किया। इसके लिए प्रशिक्षित कर्मियो को लगाया जाता है इसमें जो रोप प्रयोग होती है वह काफी मजबूत होती है जो दो हजार किलो वजन को सह सकती है, वही आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की ऐसे कार्यों में महारथ होती है। इस अभ्यास में नगर प्रशासन, पालिका प्रशासन, जल निगम, जल संस्थान उपजिला चिकित्सालय आदि के सदस्यों ने आपदा के समय अपने कार्यों को कुशलता पूर्वक किया वहीं सभी ने अपनी तकनीकि का प्रयोग किया जिससे अन्य को सीखने का अवसर भी मिला। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से दिखाया गया कि अगर रोपवे रूक जाय तो किस प्रकार बचाव कार्य किया जा सके इसके सभी विभागों ने अपनी तकनीक के अनुसार आपरेशन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के लिए एनडीआरएफ चौबीसों घंटे तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी की जाती है। इस दौरान आपदा में प्रयोग होने वाले सभी उपकरणों को भी परखा गया।
इस मौके पर नायब तहसीलदार कमल राठौर, कोतवाल अरविंद चौधरी, फायर अधिकारी धीरज तड़ियाल, विद्युत विभाग से प्रकाश जोशी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।