November 21, 2024

जार्ज एवरेस्ट में अवैध पार्किंग शुल्क वसूली व बैरियर लगाने से स्थानीय लोगों में बढ़ रहा आक्रोश

फाइल फोटो

मसूरी। मसूरी निवासी भगत सिंह कठेत और अभय नौटियाल ने जार्ज एवरेस्ट हाउस को जाने वाली रोड पर अवैध पार्किंग शुल्क वसूली को लेकर सूचना के अधिकार में सूचना मांगी। जिसके बाद सूचना के अधिकार में उजागर हुए तथ्यों के मद्देनजर स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता और आक्रोश पनपने लगा हैं।

हाथीपांव स्थित कॉमन पार्क एस्टेट रोड, पर पर्यटन विभाग द्वारा अवैध रूप से प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि यह भूमि नगर पालिका मसूरी के स्वामित्व में है, लेकिन पर्यटन विभाग ने इसे एक निजी कंपनी को लीज पर देकर स्थानीय जनता के अधिकारों पर डाका डालने का कार्य किया है।

बता दें जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस के निकट पार्किंग और प्रवेश शुल्क को लेकर स्थानीय निवासियों और पर्यटन विभाग के बीच काफी समय से तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे वहां हंगामे की घटनाएं भी देखने को मिलती रही हैं।

मसूरी निवासी भगत सिंह कठेत और अभय नौटियाल को सूचना के अधिकार के तहत सुनवाई के दौरान स्पष्ट हुआ कि कॉमन पार्क एस्टेट रोड पर कभी भी कोई शुल्क नहीं लिया गया। पर्यटन विभाग ने दावा किया कि यह रोड उनकी संपत्ति है। जबकि भगत सिंह और अभय का कहना है कि यह अवैध है व सामान्य नागरिकों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने बिना किसी वैध अनुमति के निजी कंपनी को बैरियर स्थापित करने की अनुमति दी है। जिससे क्षेत्रीय लोगों की दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।

इस संबध में सर जार्ज एवरेस्ट एअर सफारी के प्रबंधक अजय दुबे ने कहा कि पार्क स्टेट में बेरिकेट लगाने व प्रवेश शुल्क में गलत फहमियां पैदा की जा रही है। यहां जो शुल्क लिया जा रहा है वह सड़क प्रवेश शुल्क नहीं बल्कि जार्ज एवरेस्ट में प्रवेश का शुल्क है। जिससे पर्यटकों की सुविधा व रखरखाव में खर्च किया जाता है। जो सड़क जार्ज एवरेस्ट को जाती है, वह पर्यटन विभाग ने बनाई व अब उसकी मेंटीनेंस संस्था कर रही है। जहां तक बेरिकेट का सवाल है यह पहले से ही पर्यटन विभाग ने लगाया था। इसका उपयोग यातायात व्यवस्था को सुरक्षित बनाना है, संस्था स्थानीय लोगों की समस्याओं को रचनात्मक तरीके से सुलझाया जायेगा। 

यह भी पढ़ें: किंक्रेग से शटल सेवा शुरू करने को लेकर तेज हुई कवायद, एसडीएम ने अधिकारियों के साथ किया स्थलीय निरीक्षण

बहरहाल पर्यटन विभाग व सर जार्ज एवरेस्ट एअर सफारी के प्रबंधक द्वारा दिए जा रहे तर्क कहीं न कहीं यहां के नागरिकों में आक्रोश को बढ़ावा दे रहे हैं। यदि जल्द यहां के नागरिकों को गुमराह करने के बजाय राहत नहीं दी जाती है तो क्षेत्रीय लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। 

About Author

Please share us

Today’s Breaking