विनोग हिल वन्य जंतु विहार में आयोजित आठवां बर्ड फेस्टिवल हुआ सम्पन्न
मसूरी। बिनोग हिल वन्य जंतु विहार में आयोजित आठवें बर्ड फेस्टिवल का तीन दिनों की गतिविधियों की समीक्षा, अनुभव साझा करने व पुरस्कार वितरण तथा बर्ड वाचिंग को रोजगार से जोड़ने के संकल्प के साथ संपन्न हो गया। अंतिम दिन भी बर्ड वाचिंग के साथ ही हेरिटेज वॉक किया गया। वहीं स्कूली बच्चों ने पक्षियों के चित्र बनाये।
बिनोग वन्य जंतु विहार में आयोजित तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल के समापन पर प्रमुख वंन संरक्षक डा. धनंजय मोहन ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल व बर्ड बेस ईको टूरिज्म को बढावा मिलेगा व रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उत्तराखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बर्ड फेस्टिवल स्वरोजगार में अहम भूमिका निभायेगा, जिसमें बर्ड वाचर, बर्ड गाइड, होम स्टे, टूर आपरेटर जब साथ मिलते हैं, तो निसंदेह इसे आगे बढाने में मदद मिलेगी। बर्ड फेस्टिवल में 15 से अधिक स्कूलों के तीन सौ से अधिक बच्चों ने इसमें प्रतिभाग किया व विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के साथ ही वनों को नजदीक से देखा व सीखा। उन्होंने कहा कि हिमालयन क्वील जो विलुप्त हो गई है जिसे ढूढने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कई दुर्लभ पक्षी भी इस बर्ड वाचिंग में दिखाई दिए जिससे बर्ड वाचरों में खुशी दिखाई दी। उन्होंने कहा कि यहां पूरे प्रदेश से तीन दर्जन से अधिक बर्ड गाइड वालियंटर्स के रूप में पहुंचे। उन्होंने कह कि वन विभाग लगातार वन्य जंतुओं के प्रति सचेत है। आगे दीपावली में वन्य पक्षियों को तांत्रिक क्रियाओं के लिए मारा जाता है, उस पर कडी नजर रखने के निर्देश दिए गये हैं।
उन्होंने कहा कि पक्षियों की विविधता में उत्तराखंड बहुत समृद्ध है व देश में अग्रणी है जिसके कारण यहां पर पक्षी आधारित पर्यटन की अपार संभावना हैं। उत्तराखंड में कई जगह बर्ड वाचिंग पर्यटन के रूप में उभर रहा है, लेकिन इसे गांव से जोड कर पर्यटन को बढावा दिया जा सकता है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सभी एकमत है कि ईको पर्यटन का यह बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन कर उभर रहा है।
इस मौके पर उप वन संरक्षक मसूरी वन प्रभाग अमित कंवर ने कहा कि बर्ड वांचिग फेस्टिवल में इस बार पांच सौ से अधिक बर्ड वाचरों, पक्षी विशेषज्ञों, बर्ड गाईडो, सामाजिक संस्थाओं, ने प्रतिभाग किया। वहीं बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भी प्रतिभाग किया। इसमें विदेशी नागरिकों के साथ ही भारत के कई राज्यों के बर्ड विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय बर्ड वाचिंग में विभिन्न प्रजातियों की जानकारी दी। वहीं इसको एक व्यवसाय के रूप में आगे बढाया जाये, इस पर मंथन किया गया। इस फेस्टिवल में बर्ड वाचिंग के साथ ही कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। जिन लोगों ने मसूरी वन प्रभाग के तहत अच्छा कार्य किया उनके टॉक भी इसमें शामिल किए गये कि किस तरह से बर्ड वाचिंग के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिला, होमस्टे बने व इस तरह के प्रयास अन्य क्षेत्रों में भी बढ सके। उन्होंने कहा कि बर्ड वाचिंग के साथ अन्य गतिविधियों को भी जोडा जा सकता है जिसमें ट्रेकिंग, साहसिक पर्यटन आदि को चिन्हित करके इसे इससे जोडा जायेगा ताकि अधिक दिनों तक पर्यटकों को रोका जा सके व प्रकृति के बीच रह कर इनका आनंद ले सके।
तीन दिवसीय बर्ड वाचिंग के साथ ही स्कूली बच्चों को मसूरी हेरिटेज सेंटर व इनटेक की प्रभारी सुरभि अग्रवाल ने हेरिटेज वॉक करवायी ताकि बच्चे वनों के बारे व वन्य जंतुओं के बारे में जान सकें।
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इस मौके पर वन संरक्षक यमुना वृत, कहकशां नसीम, वन संरक्षक गढवाल आकाश वर्मा, प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना रविंद्र पुंडीर, उप प्रभागीय वनाधिकारी डा. उदय गौड, उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश नौडियाल, वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र चौहान, तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी व आंचल सोधी, एनएसआई सौम्या एंव रमन कुमार, इनटेक से सुरभि अग्रवाल, संदीप साहनी आदि मौजूद रहे।