शिक्षक धर्म सिंह फरस्वॉण एवं रोशनी फरस्वॉण की पुस्तक “2500 प्लस इंग्लिश हिंदी वर्बस” का किया लोकार्पण
मसूरी। सेंट जार्ज कालेज के शिक्षक धर्म सिंह फरस्वॉण एवं रोशनी फरस्वॉण की पुस्तक “2500 प्लस इंग्लिश हिंदी वर्बस” का लोकार्पण मुख्य अतिथि केद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अति विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री परिवहन अजय टम्टा, कुलपति टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल संतोष चौबे, स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, भूतपूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी की मौजूदगी में किया गया।
पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए लेखक धर्म सिंह फरस्वॉण ने बताया कि इस पुस्तक में हिंदी भाषा के प्रचार- प्रसार के लिए ढाई हजार से अधिक हिंदी क्रियाओं का संकलन किया है जो कि विभिन्न देशों के लोगों को हिंदी सीखने के लिए बहुत कारगर सिद्ध होगा। आज के वैश्वीकरण और बाजारवाद के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में हिंदी का महत्व बढ़ रहा है। व्यावसायिक, व्यापारिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि से भारत एक विकसित देश बनने जा रहा है। हिन्दी की व्यापकता के कारण विश्व के 175 देशों में हिन्दी शिक्षण एवं प्रशिक्षण के अनेक अध्ययन केन्द्र बन गये हैं। विश्व के लगभग 180 विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में हिन्दी का शिक्षण एवं प्रशिक्षण चल रहा है। अकेले अमेरिका में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। इससे हिन्दी का वर्चस्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ की छह आधिकारिक भाषाएं हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में एक महत्वपूर्ण देश है। इसके बावजूद भी आज संयुक्त राष्ट्र संघ की सातवीं आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को विश्व भाषा का दर्जा नहीं मिल सका। हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाए जाने की मुहिम की शुरूआत भारत के नागपुर में 10 जनवरी, 1975 को आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन में हुई थी। उन्होंन कहा हमें हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा के लिए वकालत करनी होगी और हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलने का प्रयास संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए।