गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल में दो दिवसीय भव्य आध्यात्मिक समागम का शुभारंभ हुआ
मसूरी। गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल मसूरी के सभागार में स्व0 सरदार जसपाल सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर दो दिवसीय आध्यात्मिक समागम का आयोजित किया गया जिसमें देश भर से आये करीब तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं व सिमरन साधना में प्रतिभाग किया। समागम के मुख्य अतिथि ईश्वरीय महिमा का गुणगान करने वाले पंजाब के लुधियाना से आए गुरु मत प्रचारक, कथावाचक तथा महान कीर्तनीय भाई गुरु शरण सिंह ने अपने साथियों के साथ आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के आरंभ में छात्र-छात्राओं ने जपुजी साहिब का पाठ किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने वंदना हर वंदना गुण गावो गोपाल राय तथा शबद का गायन किया। तत्पश्चात पंजाबी विभागाध्यक्ष सरदार हरप्रीत सिंह ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए उनका अभिनंदन किया। भाई गुरु शरण सिंह ने पूरे भारत से यहां पहुंची संगत को गुरुवाणी कीर्तन के द्वारा गुरु चरणों से जोड़ा। उनके शबद गायन की संगीतमय मंत्र शक्ति से उपस्थित जनसमूह अलौकिक आनंद से अभिभूत हो गया। उन्होंने गुरु नानक देव जी के तीन मूल आदर्श कर्म करना, नाम जपना और बांटना की विस्तृत व्याख्या की। उन्हांेने बताया कि जप -तप की महिमा साक्षात ईश्वर से भी महान है। प्रभु के नाम में इतनी शक्ति है कि उनका नाम जपने मात्र से इंसान भवसागर से पार हो जाता है। उसके जन्म -जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे असीम आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है। उसका मानव जीवन सफल हो जाता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में सजाए गए दीवान में संगत ने गुरु वाणी का जाप भी किया। वास्तव में गुर वाणी सद्चिंतन, सत्कर्म, और सत व्यवहार की पोषिका है। जो समस्त मानवीय प्रगति का मूल आधार है। यही है ईश्वरीय स्तुति का सशक्त साधन और वैदिक ऋषियों की शिक्षा का मूल उद्देश्य है। जप -तप के माध्यम से आत्म परिष्कार की शक्तियां उत्पन्न होती हैं और मानव मन दिव्य ऊर्जा से सराबोर हो जाता है। इस समागम में भाई गुरुशरण के आगमन से विद्यार्थियों में आध्यात्मिक विचारों, संस्कारों, नैतिक मूल्यों व भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था इत्यादि गुणों का बीजारोपण होगा। जो भविष्य में वट वृक्ष का रूप धारण कर सर्वत्र ज्ञान का प्रकाश फैलाएगा। ऋषि- मुनियों की तपोभूमि पर इस तरह का धार्मिक समागम इस भूमि की गरिमा व महत्व को ही नहीं बढ़ा रहा बल्कि इसके माध्यम से भारत के आध्यात्मिक भविष्य को तराशने का प्रयास है। अंत में गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल संस्था के सचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ने भाई गुरशरण साहब और संगत को अपने विद्यालय में आने पर के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भाई गुरूशरण के ऊंचे व सच्चे जीवन और उनके द्वारा किए जा रहे विश्व स्तरीय मानव सेवा के कार्यों से संगत को अवगत कराया। सरदार महेंद्र पाल सिंह ने विद्यालय की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पंजाबी प्रमोशन कमेटी के अध्यक्ष सरदार जसवंत सिंह, सरदार परमजीत सिंह गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल सोसाइटी के सचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह, सदस्या सरदारनी जशवीन कौर, सरदारनी गुरिंदर कौर, प्रधानाचार्य अनिल तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी सुनील बख्शी. कुलदीप सिंह त्यागी, नगर पालिका पार्षद जसवीर कौर, गुरु सिंह सभा मसूरी से सरदार तनमीत सिंह, विद्यालय के अध्यापक, छात्र छात्राओं सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, देहरादून, महाराष्ट्र व अन्य क्षेत्रों से आए श्रद्धालु उपस्थित रहे।